मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कारण
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं कराने पर कहा कि श्रीनगर और जम्मू की हमारी हालिया यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हमें बताया कि अधिक सुरक्षा आवश्यकताओं के कारण एक ही समय में दो चुनाव नहीं कराए जा सकते. राजीव कुमार ने कहा कि प्रशासन ने हमें बताया कि प्रत्येक विधानसभा के लिए करीब 10 से 12 उम्मीदवार होंगे. उन्होंने कहा कि इस हिसाब से करीब 1000 उम्मीदवार मैदान में होंगे. जिसका सीधा अर्थ है कि प्रत्येक उम्मीदवार को उचित सुरक्षा कवर दिया जाना चाहिए और इसके लिए अतिरिक्त बलों की अधिक जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि आयोग लोकसभा के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है. मतदान तब होगा जब सुरक्षा बल उपलब्ध होंगे.
फारूक अब्दुल्ला ने दिया बयान
इधर चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि एक तरफ भारत सरकार एक देश, एक चुनाव चाहती थी और दूसरी तरफ वे 4 राज्यों में राज्य चुनाव और संसदीय चुनाव करा रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने से इनकार किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों… अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जब हर पार्टी चुनाव चाहती थी तो क्या कारण है कि ऐसा नहीं किया जा रहा है? अगर वे कहते हैं कि सुरक्षा इसका कारण है, तो मुझे ऐसा नहीं लगता. यह कैसे हो सकता है कि संसदीय के लिए सुरक्षा ठीक है चुनाव और राज्य चुनाव के लिए नहीं.
जम्मू कश्मीर में पांच चरण में होंगे लोकसभा चुनाव
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की तिथि की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है. लोकसभा चुनाव के साथ ही चार राज्य आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में विधानसभाओं चुनाव हो रहे हैं. वहीं, सुरक्षा कारणों से चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव नहीं करा रहा है. बता दें, इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे. पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. और सातवें चरण की वोटिंग 1 जून को होगी. वहीं. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. 16 जून को मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
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