Jharkhand: समय के साथ झारखंड विधानसभा में कम हो रही है बैठकों की संख्या

पांचवें विधानसभा के दौरान झारखंड में सालाना 24 दिन विधानसभा की बैठक हुई. पिछले पांच साल में विधानसभा की कुल 118 बैठक हुई. आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2017-23 के दौरान विधानसभा ने औसतन सालाना 23 दिन काम किया. लेकिन हाल के वर्षों के तुलना करें तो झारखंड में समय के साथ विधानसभा की बैठकों में कमी आयी है.

By Vinay Tiwari | November 4, 2024 7:25 PM
an image

Jharkhand: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान तेज हो गया है. राज्य में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होना है. राज्य में किस गठबंधन की सरकार बनेगी यह 23 नवंबर को स्पष्ट हो जायेगा. झारखंड के गठन के बाद पांच विधानसभा का गठन हो चुका है और छठे विधानसभा के गठन के लिए चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. चुनाव के बीच पूर्व में विधानसभा के दौरान हुए कामकाज की जानकारी होना जरूरी है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के रिपोर्ट के अनुसार पांचवें विधानसभा के दौरान झारखंड में सालाना 24 दिन विधानसभा की बैठक हुई.

पिछले पांच साल में विधानसभा की कुल 118 बैठक हुई. आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2017-23 के दौरान विधानसभा ने औसतन सालाना 23 दिन काम किया गया. लेकिन हाल के वर्षों की तुलना करें तो झारखंड में समय के साथ विधानसभा की बैठकों में कमी आयी है. वर्ष 2015 में विधानसभा की सालाना 35, वर्ष 2016 में 36, वर्ष 2017 में 21, वर्ष 2018 में 17, वर्ष 2019 में 20, वर्ष 2020 में 21, वर्ष 2022 में 29, वर्ष 2023 में 27 और वर्ष 2024 में 15 बैठक हुई. राज्य में एक विधानसभा की बैठक औसतन चार घंटे चली है. 

पिछले दो दशक से झारखंड में डिप्टी स्पीकर का पद है खाली


झारखंड में वर्ष 2005 के बाद डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ है. संविधान के अनुच्छेद 178 के तहत सभी विधानसभा को डिप्टी स्पीकर का चुनाव करना होता है. अगर विधेयकों को पारित करने के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2000-05 के दौरान झारखंड विधानसभा ने 32 विधेयकों को पारित किया और एक विधेयक को विचार करने के लिए समिति के पास भेजा. वहीं वर्ष 2005-08 के दौरान 59 विधेयक पारित हुए और चार समिति के पास भेजा गया, वर्ष 2010-14 के दौरान 61 विधेयक, वर्ष 2014-19 के दौरान 111 विधेयक और वर्ष 2019-24 के दौरान 66 विधेयकों को पारित किया गया.

पीआरएस के आंकडें के अनुसार हेमंत सोरेन के मौजूदा कार्यकाल के दौरान 30 फीसदी से अधिक विधेयक, कर और सेस से जुड़े हुए पारित किए गए. अगर बजट पर चर्चा की बात करें तो वर्ष 2020 में औसतन 11 दिन, वर्ष 2021 में 10, वर्ष 2022 में 11, वर्ष 2023 में 10 और वर्ष 2024 में तीन दिन चर्चा की गयी. झारखंड विधानसभा में सूचीबद्ध 9 फीसदी तारांकित प्रश्नों का लिखित उत्तर मंत्रियों की ओर से दिया गया. यही नहीं वर्ष 2022 से मुख्यमंत्री से सवाल पूछने की परंपरा को बंद कर दिया गया. पहले हर सोमवार को आधे घंटे तक विधायक मुख्यमंत्री से सवाल पूछ सकते थे. 

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version