कांग्रेस को राजनीतिक लाभ की उम्मीद: काफी समय से लिंगायत समुदाय बीजेपी के लिए बड़े वोट बैंक साबित हुए है. हालांकि इस बार लिंगायत समुदाय के दो बीजेपी नेताओं के कांग्रेस में शामिल हो जाने से पार्टी राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद कर रही है. वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बात पार्टी इस आस में है कि लिंगायत समुदाय के दिमाग में बीजेपी के खिलाफ धारना पैदा होगी.
बीजेपी बता रही है विश्वासघात: इधर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस दल-बदल को तवज्जो न देकर इसे विश्वासघात के रूप पेश करने की कोशिश कर रही है. बता दें, राज्य की कुल जनसंख्या में करीब 17 फीसदी हिस्सेदारी लिंगायत समुदाय की है, उत्तरी जिलों को इनका गढ़ माना जाता है. यह समुदाय बीजेपी का बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस पिछले कुछ समय से भाजपा के लिंगायत वोट बैंक को तोड़ने या उसमें सेंध लगाने की जुगत में लगी है. वह यह पेश करने की चेष्टा कर रही है कि भाजपा ने अपने बुजुर्ग एवं कद्दावर नेता बी एस येदियुरप्पा का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने के बाद उन्हें हाशिये पर डालकर इस समुदाय के साथ गलत किया है.
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अधिक सीटें जीतेगी बीजेपी- बोम्मई: वहीं, कर्नाटक के सीएम और लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई का कहना है कि चुनाव से पहले बीजेपी से एक या दो लिंगायत नेताओं के चले जाने का कोई असर नहीं पड़ेगा. बोम्मई ने कहा कि जिस इलाके के नेता ने पार्टी छोड़ी है बीजेपी उन क्षेत्रों में पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें जीतेगी. उन्होंने कहा कि लिंगायत जागरूक मतदाता हैं और जब भी उन्होंने कोई फैसला किया है सही फैसला किया है. बोम्मई ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लिंगायत समुदाय को बांटने का काम किया है.
भाषा इनपुट से साभार