पांच साल बाद सुनाया गया फैसला
भाजपा के प्रत्याशी बी सुरेश गौडा ने आरोप लगाया था कि 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को फर्जी बीमा बांड बांटकर स्वामी ने कथित तौर पर चुनावी गड़बड़ी की. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 101 के तहत अयोग्य करार देने का यह अदालती फैसला भाजपा प्रत्याशी बी सुरेश गौड़ा की मूल शिकायत के पांच साल बाद आया है. न्यायमूर्ति एस सुनील दत्त यादव ने 17 फरवरी को दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट की कलबुर्गी पीठ से गुरुवार को आदेश सुनाया.
विधानसभा चुनाव में 40 जातीय बूथ बनाएगा चुनाव आयोग
उधर, एक महत्वपूर्ण खबर यह है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग वंचित जनजातीय समूहों के लिए 40 जातीय मतदान केंद्र स्थापित करेगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जातीय मतदान केंद्र अलग नजर आएंगे. ये आदिवासियों से जुड़े लगेंगे, ताकि वे घर जैसा महसूस करें. यह पहल दिखाती है कि हम उन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह पहल उन्हें मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को एक चरण में मतदान होगा और मतगणना 13 मई को की जाएगी.
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पैसे फेंकने के मामले कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख के खिलाफ केस दर्ज
मीडिया की एक अन्य खबर में यह भी कहा गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान नकदी वितरित करने के आरोपों को लेकर कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष वीडी शिवकुमार के खिलाफ शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में एक गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने मांड्या तालुक के बेविनाहल्ली में मंगलवार को पैसे फेंके थे.