Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को समझें, नये बिल में सरकार ने किए तगड़े बंदोबस्त

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद गुरुवार को राज्सभा में पेश किया गया. जिसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गरमा-गर्म चर्चा जारी है. वक्फ बिल को लेकर विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. लेकिन चौकाने वाली बात है कि यूपी सहित कई राज्यों के मुसलमानों ने सरकार के बिल का समर्थन किया है. जब पूरे देशभर में इस बिल को लेकर जोरदार चर्चा हो रही है, तो आइये आपको हम यहां सरल शब्दों विधेयक के बारे में बताते हैं.

By ArbindKumar Mishra | April 3, 2025 8:15 PM

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 में केंद्र सरकार ने महिलाओं, विधवाओं और अनाथ के अधिकार का पूरा ख्याल रखा है. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन वक्फ करना चाहता है तो उसमें विधवा या तलाश शुदा महिला या यतीम बच्चों के अधिकार वाली संपत्ति को वक्फ नहीं किया जा सकेगा.

नाम में किया गया बदलाव: वक्फ संशोशन अधिनियम 2025 जब कानून का रूप ले लेगा, तो उसका नाम होगा ‘उम्मीद’ (UMEED). अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने बताया, इस विधेयक के पारित होने के बाद लागू होने वाले कानून को नया नाम ‘उम्मीद’ (Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development) अधिनियम दिया गया है.

5 साल की शर्त: कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति तभी वक्फ को दान कर सकता है, जब वह कम से कम पांच साल तक इस्लाम का पालन कर रहा हो. इस प्रावधान से ये होगा कि अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है, तो वो अपने संपत्ति दान नहीं कर सकता है.

स्वामित्व : राष्ट्रीय संपत्ति या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आने वाले स्मारकों या जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा. वक्फ के लिए दान की जाने वाली संपत्ति पर दानकर्ता का स्वामित्व होना अनिवार्य है. बिना रजिस्टर्ड या विवादित संपत्ति वक्फ में नहीं दी जा सकेगी.

स्वामित्व विवादों का समाधान करेंगे कलेक्टर: वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण अब जिला कलेक्टर करेंगे, न कि वक्फ बोर्ड. स्वामित्व विवादों का समाधान कलेक्टर द्वारा किया जाएगा और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

न्याय का प्रावधान : यदि व्यक्ति को लगता है कि उसे वक्फ न्यायाधिकरण में न्याय नहीं मिला है तो वह दीवानी अदालतों में अपील कर सकता है.

गैर-मुस्लिम सदस्यों की भागीदारी: केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे. इसमें चार से अधिक सदस्य गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे. इसमें तीन संसद सदस्य (सांसद) होंगे, 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक अधिवक्ता, विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त चार व्यक्ति, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव होंगे. इनमें मुस्लिम समुदाय के जो 10 सदस्य होंगे उनमें दो महिलाएं होना जरूरी है.

राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य : राज्य वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होंगे. इनमें तीन से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे जिनमें से एक पदेन सदस्य होगा. एक अध्यक्ष होगा, एक सांसद, एक विधायक, 4 मुस्लिम समुदाय के सदस्य, पेशेवर अनुभव वाले दो सदस्य, बार काउंसिल का एक सदस्य, राज्य सरकार का संयुक्त सचिव शामिल होगा. मुस्लिम समुदाय के चार सदस्यों में से दो महिलाएं होंगी.

केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल: सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण छह महीने के भीतर एक केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा. सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता आएगी और कुप्रबंधन रुकेगा.

वक्फ का क्या है मतलब?

वक्फ एक अरबी शब्द है. जिसका अर्थ है रोकना या बांधना. शरीयत के अनुसार वक्फ का मतलब किसी संपत्ति को स्थायी रूप से दान करना है. जिससे उसका उपयोग धार्मिक, सामाजिक या परोपकार के काम में किया जा सके. अबतक जो नियम था उसके अनुसार संपत्ति वक्फ को दान करने के बाद उसे न तो बेची जा सकती है, न ही हस्तांतरित की जा सकती है.

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