Kumbh Mela News: नहाने और आचमन योग्य है या नहीं, कुंभ मेले में गंगाजल की रोज होगी जांच

Kumbh Mela News हरिद्वार : गंगा का पानी (Gangajal) नहाने और आचमन करने लायक है या नहीं, कुंभ मेले (Kumbh Mela) के दौरान इसकी रोज जांच होगी. इसका डेटा रोज केंद्र सरकार (Central Government) को भेजा जायेगा और श्रद्धालुओं को भी इसकी जानकारी दी जायेगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central pollution control board) की ओर से प्रदूषण बोर्ड मुख्यालय देहरादून को इसके निर्देश दिये गये हैं.

By संवाद न्यूज | December 21, 2020 2:25 PM
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Kumbh Mela News हरिद्वार : गंगा का पानी (Gangajal) नहाने और आचमन करने लायक है या नहीं, कुंभ मेले (Kumbh Mela) के दौरान इसकी रोज जांच होगी. इसका डेटा रोज केंद्र सरकार (Central Government) को भेजा जायेगा और श्रद्धालुओं को भी इसकी जानकारी दी जायेगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central pollution control board) की ओर से प्रदूषण बोर्ड मुख्यालय देहरादून को इसके निर्देश दिये गये हैं.

उद्गम स्थल गोमुख से निकल कर गंगा सबसे पहले हरिद्वार पहुंचती है. ऐसे में गंगा का जल नहाने और आचमन के लिहाज से शुद्ध ही रहता है, लेकिन जब से गंगा में आश्रमों और होटलों का सीवर गिरने लगा तब से गंगा के जल में अशुद्धि का स्तर भी बढ़ने लगा है. प्रयागराज और बनारस तक जाते-जाते जल में अशुद्धि की मात्रा और भी बढ़ जाती है.

ऐसे में कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को नहाने और आचमन करने के लिए मानकों के अनुरूप जल मिल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी जरूरी हो जाती है. रुड़की स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि हरिद्वार में गंगा में फैक्टरियों का प्रदूषित पानी उतना नहीं मिलता जितना अन्य कुंभ क्षेत्र में मिलता है.

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हरिद्वार जिले में रेड श्रेणी की फैक्टरियां भी न के बराबर हैं. ऐसे में हरिद्वार में पानी की खराब गुणवत्ता का मामला ज्यादा बड़ा नहीं है. भले जल का आचमन आस्था का विषय हो, लेकिन वैज्ञानिक तौर से पानी में टोटल कोलीफोर्म बैक्टीरिया की मात्रा से ही यह तय होता है कि वह पीने लायक है या नहीं.

करीब दो माह पूर्व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो आंकड़े जारी किए गए थे, उसके अनुसार हरिद्वार में गंगा का जल बी श्रेणी का है. इसके मायने हैं कि गंगा का जल नहाने लायक है, लेकिन आचमन करने जितना शुद्ध नहीं है. हालांकि सी श्रेणी का जल न नहाने लायक होता है और न ही पीने लायक.

Posted By: Amlesh Nandan.

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