Ladli Behna Yojana : लाडकी बहिन योजना का लाभ लेने लगे पुरुष, मचा हंगामा

Ladli Behna Yojana : मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का लाभ कुछ पुरुष भी उठा रहे हैं. एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि यह जांच होनी चाहिए कि स्कीम का लाभ लेने के लिए इन पुरुषों के नाम किसने दर्ज कराए. उन्होंने कहा, सरकार मामूली मामलों में भी सीबीआई या ईडी जांच कराती है. जानें अजीत पवार ने क्या दिया जवाब?

By Amitabh Kumar | July 27, 2025 9:22 AM
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Ladli Behna Yojana : एनसीपी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना में गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इसके बाद राजनीति तेज हो गई है. उन्होंने दावा किया कि इस योजना के तहत लगभग 14,000 पुरुषों को गलत तरीके से लाभ मिला है. सुप्रिया सुले ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया, और बताया कि अगस्त 2024 में शुरू की गई इस योजना के लाभार्थियों की सूची में 14 हजार पुरुष शामिल हैं. ऐसे लोगों को करीब 21 करोड़ रुपये वितरित किए गए. मामले पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि दोषियों से पैसा वसूला जाएगा.

सीबीआई जांच होनी चाहिए मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना की

सुप्रिया सुले ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान सुप्रिया सुले ने कहा कि यह जांच होना चाहिए कि स्कीम का लाभ लेने के लिए इन पुरुषों के नाम किसने दर्ज कराए. उन्होंने कहा कि सरकार छोटे से छोटे आरोपों पर भी सीबीआई या ईडी जांच करवाने लगती है, तो अब इस मामले में भी सीबीआई जांच का ऐलान किया जाना चाहिए. साथ ही सुले ने पूछा कि किन ठेकेदारों ने यह नामांकन किया. उन्होंने सत्ताधारी गठबंधन से तुरंत कार्रवाई की मांग की.

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अजीत पवार ने दिये सुले के सवाले के जवाब

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार का रिएक्शन मामले को लेकर आया है. उन्होंने कहा कि लाडकी बहिन योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए है. इसलिए किसी पुरुष को लाभार्थी सूची में शामिल करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि किसी पुरुष को योजना का लाभ मिला है, तो अब तक दी गई राशि उनसे वसूली जाएगी. यदि वे सहयोग नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई सरकार करेगी. पवार ने बताया कि लाभार्थियों की जांच के दौरान कुछ ऐसी महिलाएं भी पाई गईं जिन्हें नौकरी होने के बावजूद लाभ मिल रहा था. ऐसी महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं.

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