Lahaul Spiti Trekkers Search And Rescue हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में ट्रैकिंग के लिए 16 ट्रेकर्स का दल खंमीगर ग्लेशियर गया था. जिसमें से 11 सदस्यों को रेस्क्यू कर लिया गया है. लाहौल-स्पीति में ट्रेकर्स दल की खोज और बचाव अभियान जारी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने बुधवार को 11 लोगों को हिमाचल प्रदेश के काजा पहुंचाया है.
जानकारी के मुताबिक, 4 पर्वतारोहियों और 7 कुलियों को आईटीबीपी की देखरेख में धार थांगो से काजा गांव लाया गया है और काजा में एसडीएम और एडीएम काजा की उपस्थिति में उन्हें काजा प्रशासन को सौंप दिया गया है. वहीं, प्रशासन को ग्लेशियर प्वॉइंट पर मिले 2 शव सौंपे गए हैं. दोनों शवों को स्ट्रेचर पर उठाकर आधार शिविर ला जा रहा है. उधर, बचाए गए 11 टीम के सदस्यों को काजा अस्पताल ले जाया गया हैं, जहां वे अभी चिकित्सीय निगरानी में है. एक पर्वतारोही और एक कुली में शीतदंश के हल्के लक्षण देखे गए हैं.
वहीं, चार कुलियों को भी ग्लेशियर प्वॉइंट पर ढूंढ लिया गया है. रोड हेड ग्लेशियर बिंदु से लगभग 27 किलोमीटर दूर है, जहां आईटीबीपी के जवान दो शवों को लेकर आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में मनाली-खामेंगर दर्रा-मणिरंग के ऊंचे इलाकों की ओर बचाव अभियान के लिए आईटीबीपी, सेना और नागरिक प्रशासन की एक संयुक्त टीम को मंगलवार को काजा से रवाना किया गया था. डीसी नीरज कुमार ने कहा था कि 7 ट्रेकर्स पश्चिम बंगाल के हृदयपुर के अरेटे पर्वतारोहण फाउंडेशन (क्लब) के हैं, जो इंडियन माउंटेनियरिंग फांउडेशन में रजिस्टर्ड है. वे 11 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच पाराहियो कर्नल और होम्स कर्नल तक ट्रेकिंग करने वाले थे.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के पर्वतारोहियों और स्थानीय कुलियों की एक टीम कथित तौर पर लगभग 18 हजार फीट ऊंची वाली पर्वत श्रृंखला में फंसी हुई थी. तीन ट्रेकर्स और ग्यारह पोर्टर्स सहित टीम के 14 सदस्य घटनास्थल पर फंसे हुए थे. इन ट्रेकर का अभियान 17 सितंबर को मनाली से शुरू हुआ था. 25 सितंबर को जब टीम खामेंगर दर्रे से गुजर रही थी, तब दो सदस्य की पहाड़ी बीमारी के कारण मौत हो गई थी.