Lata Mangeshkar Death : देश के संगीत जगत की सबसे बड़ी हस्तियों में शुमार और कई पीढ़ियों तक अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरने वाली महान गायिका लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया. वह 92 वर्ष की थीं. उनकी बहन उषा मंगेशकर ने बताया कि लता मंगेशकर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उषा मंगेशकर ने कहा कि वह अब हमारे बीच नहीं रहीं. उनका सुबह निधन हो गया.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. शहर के ब्रीच कैंडी अस्पताल में लता मंगेशकर का उपचार करने वाले डॉक्टर प्रतीत समदानी ने संवाददाताओं से कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के 28 दिन बाद लता दी का सुबह आठ बजकर 12 मिनट पर निधन हो गया. उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था.
लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार रविवार शाम को किया जाएगा. गायिका कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और उन्हें बीमारी के मामूली लक्षण थे. उन्हें आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था. वह दो सप्ताह से अधिक समय तक आईसीयू में रहीं. इसके बाद उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ था और 28 जनवरी को वेंटिलेटर हटा दिया गया था, लेकिन पांच फरवरी से उनका स्वास्थ्य फिर से बिगड़ने लगा, जिसके बाद उन्हें फिर से वेंटिलेटर पर रखा गया.
लता मंगेशकर के निधन के बाद पूरा देश शोक की लहर में डूब गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया कि लता दीदी जैसा कलाकार सदियों में एक बार पैदा होता है। वह एक असाधारण व्यक्ति थीं, जो उच्च कोटि के व्यवहार की धनी थीं. राष्ट्रपति कहा कि यह दिव्य आवाज सदा के लिए बंद हो गई लेकिन उनके गाए गीत हमेशा अमर रहेंगे और अनंतकाल तक गूंजते रहेंगे.
राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि लता जी का निधन मेरे लिए, दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है. स्वरकोकिला लता मंगेशकर के साथ अपने चित्र साझा करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत रत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय हैं. कोविंद ने उनके साथ अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि लता दीदी एक विलक्षण व्यक्तित्व थीं और उनके जैसे कलाकार सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह जब भी लता दीदी से मिले, उन्हें गर्मजोशी से भरा पाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया. उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा. फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं. वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं. मोदी ने कहा कि मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता. दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं. उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता. भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला. मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा. मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. ओम शांति.
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