एसआईटी का नेतृत्व विशेष डीजीपी (मानवाधिकार) प्रबोध कुमार कर रहे थे. इसलिए मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें डीएसपी गुरशेर सिंह संधू और समर वनीत के अलावा सब-इंस्पेक्टर रीना, जगतपाल जांगू, शगनजीत सिंह और सहायक सब इंस्पेक्टर मुख्तियार सिंह और हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं.
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बिश्नोई पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला मामले में कथित आरोपी हैं और मुंबई में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भी संदिग्ध साजिशकर्ता हैं. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में उनके खिलाफ तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. हाल ही में कनाडा सरकार ने उन पर पिछले साल हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में “भारत के एजेंट” के रूप में शामिल होने का आरोप लगाया है. पिछले साल मार्च में लॉरेंस बिश्नोई के दो साक्षात्कार एक टीवी चैनल द्वारा प्रसारित किए गए थे, जब वह पंजाब पुलिस की हिरासत में थे. ये साक्षात्कार गायक सिद्धू मूसेवाला की पहली पुण्यतिथि के साथ मेल खाते थे.
मृतक गायक के पिता बलकौर सिंह सिद्धू ने तब आरोप लगाया था कि पुलिस गैंगस्टर के साथ मिली हुई है. बाद में, एसआईटी ने उनके आरोपों को सही पाया. मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 5 जनवरी को जबरन वसूली, साक्ष्य छिपाने, अपराध के बारे में जानबूझकर सूचना छिपाने, आपराधिक धमकी, कारावास से दंडनीय अपराधों को बढ़ावा देने, आपराधिक साजिश और जेल (पंजाब संशोधन) अधिनियम, 2011 के तहत मामले दर्ज किए और आरोप लगाए.
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लेकिन 9 अक्टूबर को मोहाली की एक अदालत में पेश की गई अपनी अंतिम रिपोर्ट में बिश्नोई के खिलाफ आपराधिक धमकी के तहत आरोप लगाए गए. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अगले ही दिन कार्यवाही पर रोक लगा दी और अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को निर्धारित की गई है. जब बिश्नोई को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से संबंधित एक मामले में तिहाड़ जेल से खरड़ सीआईए में लाया गया था, उस समय गुरशेर सिंह डीएसपी (जांच) के पद पर तैनात थे.