Lok Sabha Election: जस्टिस अभिजीत गांगुली के राजनीति में एंट्री से पहले गरमाई सियासत, संजय राउत ने कसा तंज, कहा- पार्टी के लिए…
Lok Sabha Election: कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गांगुली के राजनीति में एंट्री से पहले ही सियासत गरमा गयी है. शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने उनके फैसल पर कंज कसा है. राउत ने कहा कि यदि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश इस्तीफा देते हैं और किसी विशेष राजनीतिक दल में शामिल होते हैं, तो यह इसका मतलब है कि वे न्याय नहीं दे रहे थे, बल्कि पार्टी के लिए काम कर रहे थे.
By Pritish Sahay | March 4, 2024 11:29 AM
Lok Sabha Election: कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कहा कि वह कल यानी मंगलवार (5 मार्च) को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. वहीं, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वो बीजेपी की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें पार्टी तमलुक सीट से टिकट दे सकती है. बीते दिन रविवार को उन्होंने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ‘मैं मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे दूंगा.’बता दें, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय इसी साल के आखिर में रिटायर होने वाले हैं. वहीं उनके इस्तीफे की बात और बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कटाक्ष किया है.
संजय राउत ने किया कटाक्ष
कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके इस्तीफे पर, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने तंज कसा है. राउत ने कहा है कि यदि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश इस्तीफा देते हैं और किसी विशेष राजनीतिक दल में शामिल होते हैं, तो यह इसका मतलब है कि वे न्याय नहीं दे रहे थे, बल्कि पार्टी के लिए काम कर रहे थे.
#WATCH | Mumbai: On the resignation of Calcutta High Court Justice Abhijit Gangopadhyay amid speculations of him joining the BJP, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "If sitting judges of the High Court and Supreme Court resign and join a particular political party, it means… pic.twitter.com/CFqfLOVjEg
देश में यह कोई पहला उदाहरण नहीं है जब कोई जज अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में एंट्री करने की बात कह रहा है. इससे पहले भी ऐसे कई उदाहरण सामने आ चुके हैं. 50 के दशक में पहले पहल केएस हेगड़े ने लोक-अभियोजक का पद छोड़कर राजनीति में शामिल हो गये थे. साल 1952 में उन्हें कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था. इसी तरह जस्टिस हेगड़े ने साल 1973 में जज के पद से इस्तीफा देने के बाद जनता पार्टी के टिकट पर दक्षिण बेंगलुरु से चुनाव लड़ा था. जस्टिस आफताब आलम आलम भी इसी तरह जज से राजनेता बने थे.
इसी तरह देवास-शाजापुर लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को बीजेपी ने एक बार फिर यहीं से टिकट दिया है. महेंद्र सिंह सोलंकी नेता बनने से पहले जज थे. वो मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में न्यायाधीश के पद पर अपनी सेवा दे चुके हैं. न्यायिक सेवाएं प्रदान करते हुए ले बड़नगर, रतलाम में भी सेवाएं दे चुके हैं. बता दें महेंद्र सिंह सोलंकी जज की नौकरी छोड़ 2019 में पहली बार सांसद बने थे.