देश के कई राज्यों में ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है. इस बीच दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर उठे एक चक्रवातीय परिसंचरण के निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है. इससे बंगाल के तटीय जिलों में 16 से 18 नवंबर के बीच बारिश हो सकती है.
इस चक्रवातीय परिसंचरण के कारण गुरुवार को मध्य बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय निदेशक जी के दास ने इस बाबत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस वजह से 16 से 18 नवंबर तक पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है.
आईएमडी के क्षेत्रीय निदेशक जी के दास ने कहा कि हम इस तंत्र की दिशा और उसकी तीव्रता पर नजर रख रहे हैं. आईएमडी की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि दक्षिणी अंडमान सागर में उठा चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र मजबूत होकर पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए मध्य बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में परिवर्तित हो सकता है.
दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने दिन में आसमान साफ रहने तथा अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान व्यक्त किया है.
झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में 18 नवंबर तक आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है, जबकि इस दौरान सुबह में कोहरा या धुंध रहने का अनुमान है. दिवाली के दूसरे दिन रांची में धुंध देखने को मिली जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया. झारखंड की राजधानी रांची और इसके आसपास के इलाकों में 16 नवंबर तक सुबह में कोहरा या धुंध रहने का अनुमान है. इसके बाद आसमान में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है. 17 व 18 नवंबर को सामान्यत: बादल छाए रह सकते हैं और मौसम शुष्क रहेगा.
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी यूपी और पश्चिमी यूपी सहित अन्य हिस्सों में 18 नवंबर तक मौसम शुष्क ही रहने वाला है. तापमान में लेकिन अब धीरे-धीरे सर्दी बढ़ेगी. मंगलवार तक न्यूनतम तापमान में गिरावट हो सकती है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में 2-3 डिग्री सेल्सियस तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है. बाकी मौसम में कोई बदलाव नहीं होने वाला है.
स्काइमेट वेदर के अनुसार 15 नवंबर से तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बारिश की गतिविधियां शुरू होने की संभावना है. इस मौसम प्रणाली का प्रभाव तमिलनाडु से लेकर ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल तक पूर्वी तट पर देखने को मिल सकता है. इसके चक्रवात बनने की संभावना बहुत कम है.
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