चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना
नामीबिया से पिछले साल लाए गये 8 चीतों में से 2 चीतों ओबन और आशा को करीब छह महीने बाद आज मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) के जंगल में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1952 में भारत में विलुप्त हुए चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के तहत इन चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के विशेष बाड़ों में पृथकवास के लिए छोड़ा था. इन्हें नवंबर में पृथकवास बाड़ों से निकालकर बड़े बाड़े में स्थानांतरित किया गया है, जहां पर वे अपना शिकार भी कर रहे हैं. इन चीतों में पांच मादा और तीन नर हैं.
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में फिलहाल कुल 20 चीते
मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान ने बताया- ओबन और आशा नाम के चीतों को जंगल में छोड़ दिया गया. अब दोनों जंगल में स्वछंद विचरण कर रहे हैं. ये उन 8 चीतों में से हैं, जिन्हें पिछले साल सितंबर में केएनपी में लाया गया था. उन्होंने कहा कि दोपहर में पहले ओबन को और उसके कुछ घंटे बाद आशा को जंगल में छोड़ा गया. चौहान ने समयसीमा का खुलासा किए बिना कहा- 8 चीतों के इस समूह के बाकी चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से जंगल में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ा जाएगा. इन 8 चीतों के अलावा, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को भी इस साल 18 फरवरी को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाकर अलग-अलग बाड़ों में छोड़ा गया हैं कूनो नेशनल पार्क में फिलहाल कुल 20 चीते हैं. (भाषा इनपुट के साथ)