‘सूर्य प्रकाश’ भाला लेकर महाकुंभ पहुंचे नागा संन्यासी

Maha Kumbh 2025: अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुंभ क्षेत्र में श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा पहुंचा. जगह-जगह मेला प्रशासन ने संतों का पुष्प वर्षा की. 'सूर्य प्रकाश' भाला की चर्चा इस दौरान काफी हुई.

By Amitabh Kumar | January 2, 2025 9:29 AM
feature

Table of Contents

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है. इस क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया. छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. अटल अखाड़े का भव्य स्वागत यहां किया गया. जगह-जगह मेला प्रशासन ने संतों का पुष्प वर्षा की. इस दौरान ‘सूर्य प्रकाश’ भाला लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना रहा.

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई. शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की. इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली. अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई. प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला. आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली. सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे.

ये भी पढ़ें : महाकुंभ के लिए रेलवे चलाएगा 3000 से अधिक स्पेशल ट्रेन, जानें रूट

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे. यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की. छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा. अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे. रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे.

ये भी पढ़ें : January 2025 Vrat Tyohar List: मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, महाकुंभ मेला, जनवरी में पड़ने वाले हैं ये व्रत त्योहार

‘सूर्य प्रकाश’ भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई. अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले दिखे जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता. अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था ‘सूर्य प्रकाश’ नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुंभ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुंभ क्षेत्र में निकलता है. पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version