Mahakumbh 2025: जल जीवन मिशन से लोगों के जीवन में आए बदलाव पर प्रदर्शनी का होगा आयोजन

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तर प्रदेश के गांव में 'स्वच्छ सुजल गांव' (स्वच्छ और जल-सुरक्षित गांव) के जरिये आये व्यापक बदलाव को देखने और समझने का मौका मिलेगा. 'पेयजल का समाधान: मेरे गांव की नई पहचान' थीम पर आधारित पहल का मकसद पानी की कमी का पर्याय रहे बुंदेलखंड में आये बदलाव को दिखाना है.

By Vinay Tiwari | January 9, 2025 7:14 PM
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 में दुनिया भर के 40-45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु के शामिल होने की संभावना है. इस बार महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तर प्रदेश के गांव में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ (स्वच्छ और जल-सुरक्षित गांव) के जरिये आये व्यापक बदलाव को देखने और समझने का मौका मिलेगा. ‘पेयजल का समाधान: मेरे गांव की नई पहचान’ थीम पर आधारित इस पहल का मकसद कभी पानी की कमी का पर्याय रहे बुंदेलखंड कैसे पेयजल संकट को हल करने में सफलता का प्रतीक बना, इससे लोगों को अवगत कराना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन ने जल उपलब्धता में क्रांतिकारी बदलाव लाकर बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल पहुंचाने का काम किया है. 

महाकुंभ में 40 हजार वर्ग फीट में लगने वाली प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश की समृद्ध तस्वीर पेश करेगी, जिसमें प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास, ग्राम पंचायत विकास और गांवों में सौर ऊर्जा अपनाने जैसी पहलों के बारे में बताया जायेगा. यह प्रदर्शनी हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, तेलुगु और मराठी में उपलब्ध होगी. यह कार्यक्रम 47 दिनों तक चलेगा जिसमें कई विकास के कामों की  जानकारी दी जाएगी. बुंदेलखंड की ग्रामीण महिलाओं को उनके बदलाव की कहानियां साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.

इनमें जीवन बदलने वाले अनुभव शामिल हैं जैसे बांदा, झांसी और चित्रकूट के गांवों में अब शादियां हो रही हैं, जो पहले पानी की कमी के कारण नहीं हो रही थी. इसी तरह, ललितपुर और महोबा की महिलाएं यह बताएगी कि कैसे स्वच्छ पानी से उनका जीवन को बेहतर हुआ है. 

जल संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाना है मकसद


राज्य सरकार का ग्रामीण जलापूर्ति और नमामि गंगे विभाग महाकुंभ 2025 में एक ‘जल मंदिर’ स्थापित करेगा. यह मंदिर, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय अनुभव मुहैया कराने का काम करेगा. इस मंदिर में पवित्र गंगा प्रतीकात्मक रूप से भगवान शिव की जटाओं से बहेगी, जो यह संदेश देती है कि जल एक दिव्य आशीर्वाद है और जीवन देने वाला संसाधन है, जिसे संजोकर और संरक्षित रखना जरूरी है. सुबह और शाम को होने वाली जल आरती समारोह इस संदेश को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.

अनेक कार्यक्रम जल जीवन मिशन की कहानी और जल संरक्षण की जरूरत पर होंगे. भारत की ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा को नमामि गंगे के रूप में मनाया जाएगा और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग ‘स्वच्छ सुजल गांव’ में आगंतुकों का सम्मान करेगा. मेहमानों को संगम से पवित्र जल युक्त पर्यावरण-अनुकूल जूट-कपड़े के थैलों में ‘जल प्रसाद’, जल जीवन मिशन पर एक डायरी और जल पहल के माध्यम से परिवर्तन लाने वाले सफल कहानियों को दर्शाने वाली पुस्तिका दी जाएगी.

‘स्वच्छ सुजल गांव’ में एक डिजिटल मंच होगा, जिसमें डिजिटल स्क्रीन और गेमिंग जोन होंगे. लोग स्वच्छ पेयजल के फायदे और दूषित पानी के सेवन से होने वाले नुकसान पर मजेदार कंटेंट मौजूद होगा. इसका मकसद जल संरक्षण के महत्व के बारे में आकर्षक तरीके से जागरूकता बढ़ाना है.

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