महाकुंभ भगदड़ पर वैश्विक मीडिया की कवरेज, 50,000 सुरक्षाकर्मी के बावजूद हुआ हादसा, 2013 की भी दिलाई याद

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या के पावन स्नान के दिन रात के 2 बजे के लगभग अफवाह के कारण भगदड़ मच गई. इस पर वैश्विक मीडिया ने भी अपनी कवरेज करते हुए कहा कि इस मेले के लिए 50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे, उसने 2013 के हादसे की भी याद दिलाई.

By Anant Narayan Shukla | January 29, 2025 9:32 AM
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Mahakumbh Stampede: प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ 2025 के सबसे बड़े स्नान पर्व पर भयानक हादसा हो गया. मौनी अमावस्या के पावन स्नान के दिन रात के 2 बजे के लगभग अफवाह के कारण भगदड़ मच गई. हादसे में 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की आशंका जताई गई है. जबकि कुछ लोगों की मौत की भी खबर हैं, हालांकि प्रशासन ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हादसे के बाद लोग अपने परिजनों को ढूंढ रहे हैं. मेला प्रशासन ने घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लोगों से संगम तट पर न जाने की अपील की है, उन्होंने कहा है कि जो जहां हैं, वहीं स्नान कर लें. इस घटना पर वैश्विक मीडिया ने भी कवरेज की है.

अमेरिका के समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2013 के महाकुंभ मेले में मची भगदड़ की याद दिलाते हुए कहा, कुंभ मेले में भारी भीड़ से उत्पन्न खतरा अक्सर एक समस्या रही है. 2013 में, ट्रेन प्लेटफॉर्म पर भीड़ की टक्कर में 42 लोग मारे गए और 45 घायल हो गए थे. समाचार पत्र ने आगे कहा, “सरकारी अधिकारियों ने बताया कि जब तीर्थयात्री गंगा और यमुना नदियों के संगम की ओर बढ़ रहे थे, तो जमीन पर सो रहे कुछ लोगों को कुचल दिया गया और एक बैरिकेडिंग टूट गया. घटनास्थल से प्राप्त वीडियो और तस्वीरों में लोग जमीन पर पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, उनके शरीर और चेहरे ढके हुए हैं और आपातकालीन कर्मचारी लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाकर एंबुलेंस में ले जा रहे हैं. मेला आयोजकों ने अभी तक हताहतों की संख्या जारी नहीं की है, लेकिन स्थानीय समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि 30 से अधिक लोगों की मौत हो सकती है.”

कनाडा के मीडिया चैनल सीबीसी न्यूज ने कहा, “अधिकारियों ने आगंतुकों के ठहरने के लिए नदी के किनारे एक विशाल तंबू शहर बनाया है. इसमें 3,000 रसोई और 150,000 शौचालय हैं, साथ ही सड़कें, बिजली और पानी, संचार टावर और 11 अस्पताल भी हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शहर में करीब 50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. भारतीय धार्मिक त्योहारों के दौरान भगदड़ अपेक्षाकृत आम बात है, जहां छोटी-छोटी जगहों पर बड़ी भीड़ जमा होती है.”

सीबीसी न्यूज ने आगे लिखा, “बुधवार को सुबह-सुबह भगदड़ मचने से दर्जनों लोग घायल हो गए, जब हजारों की संख्या में हिंदू उत्तर भारत में विशाल महाकुंभ उत्सव के दौरान पवित्र नदी में स्नान करने के लिए उमड़े थे. परेशान परिवार अपने लापता रिश्तेदारों के बारे में पूछताछ करने के लिए एक अस्थायी अस्पताल के बाहर कतार में खड़े थे, जबकि बचाव दल घायलों की मदद कर रहा था और पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास कर रही थी. भगदड़ के दौरान लोगों के कपड़े, कंबल और बैग जैसे सामान इधर-उधर बिखरे पड़े थे. यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भगदड़ किस वजह से मची या कितने लोग घायल हुए.

जर्मनी के न्यूज चैनल डीडब्लू ने इस घटना पर एएफपी का हवाला देते हुए बताया कि भीड़ के कुचले जाने से 15 लोग मारे गए हैं. हालांकि प्रशासन ने न इसकी पुष्टि नहीं की है और न ही इससे इनकार किया है. डीडब्लू ने आगे लिखा, “महाकुंभ मेले के लिए बनाए गए टेंट सिटी में अस्थाई अस्पतालों के बाहर परेशान परिवार के सदस्य इंतजार कर रहे थे. इस बीच, वीडियो और तस्वीरों में दिखाया गया कि जिस जगह भगदड़ मची, वहां सामान बिखरा पड़ा था. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में बुधवार की सुबह बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर नदी में स्नान करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिखाई दे रहे थे. इस बीच, स्थानीय मीडिया ने बताया कि घटना के कारण पानी में स्नान अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है.”

मौनी अमावस्या पर रात करीब 2 बजे संगम तट पर भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे, जिससे वहां भीड़ का दबाव बढ़ गया. इसी दौरान अचानक बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई. स्थिति तेजी से बेकाबू होती चली गई और लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे। कई श्रद्धालुओं का सामान भी नीचे गिर गया, जिससे अव्यवस्था और बढ़ गई.

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा भीड़ ज्यादा थी, इस वजह से हुआ हादसा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि संभलने का मौका ही नहीं मिला. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “हम सामान्य रूप से आगे बढ़ रहे थे, लेकिन अचानक भीड़ बढ़ने लगी और धक्का-मुक्की शुरू हो गई. कुछ ही पलों में हालात नियंत्रण से बाहर हो गए. हमने बचने की कोशिश की, लेकिन वहां कोई सुरक्षित जगह नहीं थी. इस दौरान कई लोग नीचे गिर पड़े और कुछ घायल हो गए.”

अखाड़ो ने रद्द किया स्नान

29 जनवरी के दिन मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान को रद्द कर दिया गया है. मेला प्रशासन ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी से स्नान को रोकने की अपील की थी. भगदड़ की भयावह घटना के बाद शाही स्नान के लिए अखाड़ों ने स्वयं स्नान करने से मना कर दिया है. प्रशासन ने मौके पर तुरंत कार्रवाई करते हुए हुए एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचा रहा है. साथ ही प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की है.

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