महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी की चतुष्पथ यात्रा, कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा से हुई बात, समर्थन का आश्वासन

Mahamandaleshwar Sanjananand Giri: महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी ने चतुष्पथ यात्रा की महत्ता को लेकर कहा कि यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है. बल्कि, एक सामाजिक और आध्यात्मिक आंदोलन है, जो राष्ट्र की सामूहिक चेतना को जागृत करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2025 9:35 PM
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Mahamandaleshwar Sanjananand Giri: आध्यात्मिक चेतना, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कैबिनेट मंत्री सतीश शर्मा से भेंट की. इस मुलाकात के दौरान चतुष्पथ यात्रा के उद्देश्यों, उसके सामाजिक प्रभाव और आध्यात्मिक जागरूकता को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे एक समावेशी अभियान के रूप में देखा जा रहा है, जो संपूर्ण राष्ट्र में शांति, सहअस्तित्व और सार्वजनिक कल्याण का संदेश प्रसारित करेगा.

मंत्री सतीश शर्मा ने इस यात्रा के महत्व को स्वीकारते हुए इसे पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया और कहा कि यह एक विशाल आध्यात्मिक और सामाजिक अभियान है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को मजबूती प्रदान करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वे न केवल जम्मू-कश्मीर में बल्कि पूरे देश में इस यात्रा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी के इस पुनीत कार्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

चतुष्पथ यात्रा एक परिवर्तनकारी अभियान के रूप में उभर रही है, जिसका उद्देश्य समाज को एकता, आत्मबोध और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित करना है. यह यात्रा विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी, जिसमें हजारों किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. यात्रा दो चरणों में संपन्न होगी, जिसमें पहला चरण कामाख्या पीठ (असम) से जोधपुर (राजस्थान) तक और दूसरा चरण रामेश्वरम (तमिलनाडु) से कश्मीर तक आयोजित किया जाएगा. इस दौरान महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी सनातन धर्म के मूल्यों को प्रचारित करेंगे और समाज में अध्यात्मिक जागरूकता का प्रसार करेंगे.

महामंडलेश्वर संजनानंद गिरी, जो कामाख्या पीठ की उपासिका भी हैं, ने इस यात्रा की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आध्यात्मिक आंदोलन है, जो राष्ट्र की सामूहिक चेतना को जागृत करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. यात्रा के दौरान न केवल आध्यात्मिक संदेशों का प्रसार किया जाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी जाएगी. इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न पड़ावों पर वृक्षारोपण, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान और प्रदूषण नियंत्रण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके.

यात्रा के मीडिया प्रभारी दुष्यंत प्रताप सिंह ने बताया कि समाज के विभिन्न वर्गों से इस अभियान को अपार समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा ‘एक भारत, दिव्य भारत, अखंड भारत’ की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता को सुदृढ़ करने का कार्य करेगी. गौरतलब है कि इससे पूर्व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई प्रमुख राजनेता, समाजसेवी, व्यवसायी और फिल्मी जगत के सितारे इस यात्रा को अपना समर्थन दे चुके हैं.

चतुष्पथ यात्रा केवल आध्यात्मिकता तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता अभियान भी है, जो शांति, सद्भाव और सतत विकास को बढ़ावा देगा. इस यात्रा से भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को और अधिक सशक्त किया जाएगा, जिससे देश में समरसता, सहअस्तित्व और आध्यात्मिक चेतना का नया दौर स्थापित हो सके.

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