Maharashtra: मैंग्रोव और मरीन बायोडायवर्सिटी में रिसर्च के लिए 75 छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप

जारी किये गए बयान में कहा गया है कि इनमें से 30 प्रतिशत स्कॉलरशिप छात्राओं को दी जाएंगी. इसके अनुसार इन 25 छात्रों में से 15 मरीन साइंस, मरीन इकोलॉजी, ओशियनोग्राफी, मरीन बायोलॉजी, मरीन बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोडायवर्सिटी विषयों के पोस्ट ग्रेजुएट और 10 पीएचडी छात्र होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2023 9:18 PM
feature

महाराष्ट्र कैबिनेट ने विदेशों में प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में मैंग्रोव (Mangrove) और मरीन बायोडायवर्सिटी (Marine Biodiversity) के क्षेत्र में रिसर्च करने के लिए कुल 75 छात्रों को तीन साल की अवधि के दौरान स्कॉलरशिप प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के एक बयान में कहा गया है कि इस कवायद के तहत हर साल 25 छात्रों को वन विभाग के मैंग्रोव और मरीन बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन फाउंडेशन के तरफ से स्कॉलरशिप दी जाएगी. बयान के अनुसार ये स्कॉलरशिप उन छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने विदेश में ऐसे शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लिया है जो टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) या क्वाकारेली साइमंड्स (QS) की 150वीं रैंकिंग के अंदर आते हैं.

30 प्रतिशत स्कॉलरशिप छात्राओं को

अगर आप नहीं जानते तो बता दें मैंग्रोव ऐसे पेड़-पौधे होते हैं जो दलदली इलाकों में पाये जाते है. बयान में कहा गया है कि इनमें से 30 प्रतिशत स्कॉलरशिप छात्राओं को दी जाएंगी. इसके अनुसार इन 25 छात्रों में से 15 मरीन साइंस, मरीन इकोलॉजी, ओशियनोग्राफी, मरीन बायोलॉजी, मरीन बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोडायवर्सिटी विषयों के पोस्ट ग्रेजुएट और 10 पीएचडी छात्र होंगे.

योजना पर सरकार के 31.50 करोड़ रुपये होंगे खर्च

बयान के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की न्यूनतम आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि पीएचडी छात्रों के लिए यह 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. उनकी वार्षिक आय सीमा 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. बयान में आगे कहा गया है कि- इस योजना पर सरकार के 31.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मैंग्रोव फाउंडेशन हर साल अप्रैल या मई में स्कॉलरशिप के लिए विज्ञापन जारी करेगा.

महाराष्ट्र स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को मंजूरी

बयान के अनुसार कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में सभी शहरी स्थानीय निकायों में आईसीटी (इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) पर एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना को लागू करने को मंजूरी दी. इसके अनुसार कैबिनेट ने सड़कों के रखरखाव और गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए महाराष्ट्र स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version