Malegaon Blast: 17 साल बाद इस दिन आने वाला है फैसला, NIA कोर्ट में सुनवाई पूरी

Malegaon Blast: विशेष NIA कोर्ट ने महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोट मामले में लगभग 17 साल बाद सुनवाई पूरी कर ली है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक में 29 सितंबर 2008 को हुए धमाके में छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे.

By ArbindKumar Mishra | April 19, 2025 9:35 PM
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Malegaon Blast: मालेगांव विस्फोट मामले में अभियोजन पक्ष ने शनिवार को अपनी अंतिम लिखित दलीलें दाखिल कीं, जिसके बाद मामले की सुनवाई समाप्त हो गई. इसके बाद विशेष न्यायाधीश ए के लाहोटी ने मामले को फैसले के लिए 8 मई तक स्थगित कर दिया.

सुनवाई के दौरान 34 गवाह अपने बयान से पलटे

मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों का परीक्षण किया, जिनमें से 34 अपने बयान से पलट गए थे। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, बीजेपी की नेता प्रज्ञा ठाकुर- मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया.

ATS ने पहले मामले की जांच शुरू की थी, बाद में NIA को किया गया स्थानांतरित

इस मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) द्वारा की गई थी, जिसे 2011 में एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया. एनआईए ने मामला अपने हाथ में लेने के बाद 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें ठाकुर और तीन अन्य आरोपियों श्याम साहू, प्रवीण टाकलकी और शिवनारायण कलसांगरा को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और उन्हें मामले में आरोप मुक्त किया जाना चाहिए. एनआईए अदालत ने हालांकि साहू, कलसांगरा और टाकलकी को आरोप मुक्त कर दिया और फैसला सुनाया कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मुकदमे का सामना करना होगा.

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