वीडियो में साफ दिखाई देता है कि संबंधित व्यक्ति ब्लूटूथ इयरफोन लगाए हुए वर्चुअल सुनवाई में भाग ले रहा था. लेकिन जैसे ही उसने कैमरा थोड़ा ठीक किया, यह स्पष्ट हो गया कि वह व्यक्ति शौचालय में बैठा हुआ है. न सिर्फ यह, बल्कि वह कैमरे के सामने खुद को साफ करते हुए भी दिखता है और फिर आराम से वॉशरूम से बाहर निकलकर एक अन्य कमरे में चला जाता है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते हजारों व्यूज और प्रतिक्रियाएं मिलने लगीं.
कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार, यह व्यक्ति उस मामले में प्रतिवादी था जिसमें एफआईआर को रद्द करने की याचिका दायर की गई थी. दिलचस्प बात यह भी है कि वही व्यक्ति इस केस का मूल शिकायतकर्ता भी था. मामले की सुनवाई के अंत में कोर्ट ने इसे सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया और एफआईआर रद्द कर दी. लेकिन व्यक्ति का यह शर्मनाक आचरण चर्चा का विषय बन गया.
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यह पहली बार नहीं है जब वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही के दौरान इस तरह की अनुशासनहीनता सामने आई है. इससे पहले अप्रैल में गुजरात हाईकोर्ट ने एक अन्य व्यक्ति पर वर्चुअल सुनवाई के दौरान सिगरेट पीने के लिए ₹50,000 का जुर्माना लगाया था. वहीं मार्च में दिल्ली की एक अदालत में भी इसी प्रकार की एक और गैर-जिम्मेदार घटना दर्ज की गई थी.
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