कई विधायक जता रहे थे असंतोष
एन बीरेन के खिलाफ पार्टी के कई विधायक काफी समय से असंतोष जता रहे थे. पार्टी के डेढ़ दर्जन से ज्यादा विधायकों ने बीते साल पीएम मोदी को पत्र लिखकर एन बीरेन के खिलाफ असंतोष जताया था. उन्हें पद से हटाने की मांग की थी. एन बीरेन के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश के जातीय संघर्ष से मुक्त कराने की थी.
कांग्रेस के निशाने में थे बीरेन सिंह, अविश्वास प्रस्ताव लाने की थी तैयारी
मणिपुर हिंसा के बाद निर्वतमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह विपक्ष के निशाने पर थे. कांग्रेस सहित विपक्षी नेता लगातार इस्तीफे की मांग कर रहे थे. कांग्रेस उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में भी थी.
बीरेन सिंह ने जनता से मांगी थी माफी
बीते साल के अंतिम महीनों में एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में हुई जातीय हिंसा को लेकर नागरिकों से माफी मांगी थी. उन्होंने अपने बयान में कहा था मणिपुर में जो भी हुई उसके लिए मैं लोगों से माफी मांगता हूं. इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि 2025 में स्थिति अच्छी होगा. बता दें साल 2023 में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में कई लोग मारे गये थे. हजारों लोगों को बेघर होने पड़ा है. यहां कुकी और मैतेई जाती में संघर्ष के कारण पूरा राज्य प्रभावित हुआ है.
मणिपुर विधानसभा की क्या है स्थिति
60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस के पांच विधायक हैं. एक अन्य विपक्षी पार्टी एनपीपी के सात विधायक हैं. जबकि बीजेपी के 32 विधायक हैं और उसे नगा पीपुल्स फ्रंट के 5 और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के 6 विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. 3 निर्दलीय विधायक और कुकी पीपुल्स अलायंस के 2 विधायक भी हैं.