सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
गौरतलब है कि बीते कई दिनों से मणिपुर जल रहा है. प्रदेश में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. 3 मई को शुरू हुई हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो गी है. वहीं, राज्य में जारी हिंसा के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से नये सिरे से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर सरकार को जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में पुनर्वास सुनिश्चित करने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की डिटेल रिपोर्ट मांगी है.
10 जुलाई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मुद्दे पर याचिकाओं को 10 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है. इधर, राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पीठ ने ताजा रिपोर्ट जारी करने को कहा है. पीठ ने कहा, इसमें पुनर्वास शिविरों, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम और हथियारों की बरामदगी जैसे विवरण होने चाहिए.
क्यों जल रहा है मणिपुर
2 मई से मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है. मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. मणिपुर की कुल आबादी में 53 फीसदी लोग मेइती समुदाय के हैं और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पहाड़ी जिलों में रहती है.
भाषा इनपुट से साभार