भारत और बेल्जियम के बीच हुआ था प्रत्यर्पण संधि
वर्ष 2020 में भारत और बेल्जियम के बीच संयुक्त रूप से एक प्रत्यर्पण संधि नाम का समझौता हुआ था, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपराध के मामले में भारत या बेल्जियम में आरोपी है और वह दूसरे देश में छुपा पाया जाता है, तो उसे वापस उस देश में सौंप दिया जाएगा जहां वह अपराध हुआ है. लेकिन इस संधि के बावजूद हर एक अपराधी को वापस नहीं लाया जा सकता है.
किन अपराधों पर प्रत्यर्पण किया जा सकता है?
इस संधि के अनुसार केवल उन्हीं अपराधियों को वापस लाया जा सकता है, जिन पर हत्या, धोखेबाजी, देश के खिलाफ साजिश और दुष्कर्म जैसे अन्य गंभीर आरोप लगे हों. इसके अलावा प्रत्यर्पण करना है या नहीं, यह भी उस देश पर निर्भर करता है जिस देश में अपराधी ने शरण ली है.
मेहुल चौकसी ने किया था 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
मेहुल चौकसी ज्वेलरी कंपनी गीतांजली के मालिक हैं. मेहुल चौकसी पर आरोप है कि उसने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर PNB से 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी, जिसके बाद दोनों जनवरी 2018 में घोटाले के खुलासा होने से पहले ही भारत से भाग गए थे. इसके बाद चौकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली और वहां रहने लगा.
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