इसका उद्देश्य भविष्य में किसी बीमारी के फैलने से निपटने, रोकथाम एवं तैयारी के लिये राष्ट्रीय एवं राज्य स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना है . सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस स्वीकृत धनराशि का 3 चरणों में उपयोग किया जाएगा . अभी के लिए तत्काल कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया के वास्ते 7,774 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है.
बाकी धनराशि मध्यावधि सहयोग (1-4 वर्ष) के तौर पर मिशन मोड में उपलब्ध कराई जाएगी. इसमें कहा गया है कि पैकेज के मुख्य उद्देश्यों में जांच एवं निदान (डायग्नोस्टिक्स) और कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं के विकास, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरण और दवाओं की केन्द्रीय खरीद, भविष्य में महामारियों से बचाव और तैयारियों में सहयोग के लिए राष्ट्रीय तथा राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूती देना एवं विकसित करना है .
इसके अलावा प्रयोगशालाओं की स्थापना और निगरानी गतिविधियां बढ़ाना, जैव सुरक्षा तैयारियां, महामारी अनुसंधान और समुदायों को सक्रिय रूप से जोड़ना तथा जोखिम संचार गतिविधियों के माध्यम से भारत में कोविड-19 के प्रसार को धीमा और सीमित करने के लिए आपात प्रतिक्रिया बढ़ाना शामिल है.
इन उपायों और पहलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत ही लागू किया जाएगा. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को परिस्थितियों में बदलाव के आधार पर विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, केन्द्रीय खरीद, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/ आईसीएमआर, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र) के बीच पैकेज से संबंधित संसाधनों के वितरण के लिए अधिकृत किया गया है.