1. बुरी चीजों के मुकाबले 40 गुना अधिक चर्चा अच्छी चीजों पर
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कई बार देश में नकारात्मक चर्चा सुनने को मिलती है. लेकिन, जैसे ही देश के अलग-अलग जगहों पर मैं जाता हूं तो पता चलता है कि कई ऐसी अच्छी चीजें भी है जिसपर लोग बातचीत कर रहे है और उसकी प्रशंसा कर रहे है. ऐसे में यह तो साफ तौर पर कहा जा सकता है कि देश भर में बुरी चीजों के मुकाबले 40 गुना अधिक बात अच्छी चीजों पर हो रही है.
2. चीजें सुचारू रूप से इसलिए क्योंकि कुछ लोग कुछ नहीं करते
केंद्र सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों और सरकार में जिम्मेदार लोगों के काम के कारण आज भारत देश का उत्कर्ष हो रहा है. साथ ही विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि देश में चीजें सुचारू रूप से इसलिए चल रही हैं क्योंकि कुछ लोग कुछ नहीं करते है. आगे उन्होंने कहा कि अगर वे लोग भी काम करेंगे तो चीजों को सुचारु रूप से चलाने में दिक्कत होगी.
3. 40 साल पहले की तुलना में आज ज्यादा प्रबल है इच्छा
भारत के विकास पर बात करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि आम लोगों में भारत को गौरव हासिल करते देखने की इच्छा 40 साल पहले की तुलना में आज ज्यादा प्रबल हो गयी है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसे और बढ़ना चाहिए क्योंकि हम बढ़ रहे है लेकिन शायद अभी तक उतने शक्तिशाली नहीं हुए है. इसलिए हमें अपने गौरव को पाने के लिए लगातार प्रयास करते रहने की जरूरत है.
4. रोटी, कपड़ा मकान ही नहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य भी आवश्यक चीज
आरएसएस प्रमुख ने विपक्ष पर हमला करते हुए फिर कहा कि हालांकि इस देश में कुछ लोग ऐसे भी है हमें बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते है और इसके लिए वह प्रयास करते रहते है. उन्होंने कहा कि आज के समाज में सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान ही नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य भी आवश्यक चीजों की गिनती में आ गए है.
5. अच्छा या बुरा तय करने का पैमाना क्या है?
मोहन भागवत ने अच्छा और बुरा के बीच के अंतर को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अच्छा या बुरा तय करने का पैमाना क्या है? कुछ ऐसा होता है जो दिखाई देता है और दूसरी ओर कुछ ऐसा होता है जो असल में होता है. कोई इसे ऐसे दिखा सकता है कि यह हो गया, भले ही वह न हुआ हो.’
6. भाखड़ा नांगल बांध की तरह ‘आधुनिक तीर्थस्थल’ पर एक अध्याय
उन्होंने बताया कि जब वे कॉलेज में पढ़ाई करते थे तो भाखड़ा नांगल बांध की तरह ‘आधुनिक तीर्थस्थल’ पर एक अध्याय था. आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘इस अस्पताल जैसे आधुनिक तीर्थस्थल केंद्र हैं जहां लोगों की सेवा की जाती है.’ राज्य सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि आपने यहां एक तीर्थस्थल बनाने का काम किया है.
7. हिटलर के विदेश मंत्री वॉन रिबनट्रॉप की इंग्लैंड यात्रा को किया याद
साथ ही संघ प्रमुख मोहन भागवत ने द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने से पहले एडॉल्फ हिटलर के विदेश मंत्री वॉन रिबनट्रॉप की इंग्लैंड यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लोग जानते थे कि वह उनकी (युद्ध) तैयारियां देखने आए हैं. उन्होंने कार्डबोर्ड के विमान बनाए, आम लोगों को सेना की वर्दी पहनाई और जर्मन लोगों को यह महसूस कराया कि वे मजबूत स्थिति में हैं. लेकिन स्थिति कुछ और थी.