Monsoon Session: संसद का मॉनसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया. सत्र के पहले दिन ही ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष की ओर से जोरदार हंगामा किया गया. विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी दलों ने पहलगाम हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कराने को लेकर जोरदार हंगामा किया.
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. राज्यसभा में भी विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता कराने के दावे पर सरकार से जवाब मांगा. इसका जवाब देते हुए राज्यसभा में सत्ता पक्ष के नेता एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार इस मामले पर विस्तृत चर्चा कराने को तैयार है. विपक्ष काे हंगामा करने की बजाय नियम के तहत चर्चा करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विपक्ष प्रश्नकाल के बाद इस मामले पर चर्चा कर सकता है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी साफ किया कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने लिए पूरी तरह तैयार है. इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध को दूर करते हुए तय किया गया कि लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे चर्चा होगी. इसके अलावा लोकसभा में आयकर अधिनियम संशोधन विधेयक 2025 पर 12 घंटे, इंडियन पोस्ट बिल पर 3 घंटे, नेशनल स्पोर्ट्स बिल पर 8 घंटे चर्चा होगी. साथ ही मणिपुर के बजट में 2 घंटे चर्चा होगी.
चर्चा के लिए क्यों तैयार हुई सरकार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का अधिकांश दलों ने समर्थन किया था. लेकिन चार दिन के अभियान के बाद अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सीजफायर की घोषणा की गयी. सीजफायर की घोषणा के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है.
विपक्षी दलों की आरोप है कि अमेरिका के दबाव में केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर का समझौता कर सेना के मनोबल को नुकसान पहुंचाने का काम किया. हालांकि सरकार की ओर से किसी तरह की मध्यस्थता की बात को बार-बार नकारा गया. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति 24 बार भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कर चुके हैं.
विपक्ष ट्रंप के बयान के बहाने सरकार को घेरना चाहता है. वहीं सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को एक बड़ी सफलता के तौर पर पेश करने का मौका है. कई अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञ भी ऑपरेशन सिंदूर को भारत की बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर चुके हैं. ऐसे में सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर व्यापक चर्चा कराकर यह संदेश देना चाहती है कि विपक्ष सेना की उपलब्धि की बजाय विदेशी ताकतों की बातों पर अधिक यकीन कर रही है.
अबतक के सबसे सफल ऑपरेशन
चर्चा के दौरान सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर को अबतक का सबसे बड़ा एंटी टेरर अभियान के तौर पर पेश किया जा सकता है. इसकी झलक राज्यसभा में जेपी नड्डा ने यह कहते हुए दिया कि भारत के इतिहास में ऑपरेशन सिंदूर सबसे बड़ा सफल ऑपरेशन रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि आतंकी चाहे कहीं भी रहे, अगर वह भारत की ओर आंख उठाएंगे, तो उन्हें माकूल जवाब दिया जायेगा.
सरकार की ओर से यह संदेश देने की कोशिश होगी कि अब भारत किसी तरह की आतंकी कार्रवाई के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएगा. जबकि पूर्व की सरकार आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज करती थी.
चर्चा का मकसद यह दिखाना है कि मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी. सरकार इस ऑपरेशन को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर यह बताने की कोशिश करेगी कि कांग्रेस सरकार के दौरान आतंकवाद को लेकर नीति स्पष्ट नहीं थी.
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