मध्य प्रदेश के चुनाव में कुछ महीने रह गये हैं. प्रदेश में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रही है. इस क्रम में गृहमंत्री अमित शाह के घर पर रविवार देर रात एक अहम बैठक हुई. यह बैठक करीब चार घंटे चली. इस दौरान प्रदेश के नेताओं ने चुनावी तैयारियों को लेकर अपना फीडबैक बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को दिया. खबरों की मानें तो चुनावी तैयारियों पर चर्चा के साथ-साथ इस दौरान सांगठनिक मु्द्दों को लेकर भी बात हुई.
बीती रात हुई इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के मध्यप्रदेश में आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर भी चर्चा की गयी. बैठक में यह बात भी रखी गयी कि किस तरह प्रदेश और केंद्र सरकार के कामों को प्रभावी तरीके से बूथ स्तर तक पहुंचाया जाए. बताया जा रहा है कि बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मप्र बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद और बीजेपी चुनाव प्रभारी और चुनाव सह-प्रभारी भी उपस्थित थे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में जबलपुर और ग्वालियर को लेकर विस्तार में चर्चा की गयी. आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिंया के गढ़ ग्वालियर में पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रैली की थी. इससे पहले वह जबलपुर में रैली कर चुकीं हैं. कांग्रेस इन दोनों जगह खास रणनीति के तहत मैदान में उतर रही है.
अमित शाह मध्य प्रदेश में एक्टिव
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश का लगातार दौरा करते नजर आ रहे हैं. 18 दिन में वे तीन दिन सूबे में नजर आये जिसके बाद कांग्रेस नेता कहते नजर आये कि शिवराज सिंह चौहान पर बीजेपी को भरोसा नहीं रहा. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों राजधानी दिल्ली पहुंचकर संघ के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से मुलाकात की जिसके बाद प्रदेश में अटकलों को और हवा मिल गयी.
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पीएम मोदी का एमपी दौरा
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को मध्य प्रदेश के सागर आएंगे. वे यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. सबसे पहले पीएम मोदी दोपहर सवा दो बजे संत श्री रविदास स्मृति स्थल का भूमि पूजन करेंगे और इसके बाद संत शिरोमणि श्री रविदास स्मारक का शिलान्यास करेंगे. वे यहां एक जनसभा को भी संबोधित करते नजर आएंगे.
2018 चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत
2018 की बात करें तो इस साल चुनाव नवंबर में कराये गये थे. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. पिछले चुनाव के बाद कांग्रेस 114 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आयी थी जबकि 230 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 109 सीट मिली थी. इसके बाद कमलनाथ ने सीएम पद की शपथ ली. हालांकि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गयी. कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर प्रदेश के सीएम बने. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन था और केंद्र में मंत्री के पद पर काबिज हुए.
मध्य प्रदेश के आदिवासी वोट पर भाजपा और कांग्रेस का खास ध्यान है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार आदिवासियों को साधने में जुट गयी है लेकिन हालिया तीन घटनाओं ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. जहां सीधी पेशाब कांड और मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में हुई घटना के बाद बीजेपी पर कांग्रेस हमलावर है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपने कोर वोटर आदिवासी वोट पर ज्यादा फोकस कर रही है. इन क्षेत्रों में कांग्रेस नेता लगातार जनता से मिल रहे हैं और पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं.
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