MP News: मध्य प्रदेश कांग्रेस में सियासी उठापटक के बीच एक कांग्रेस आलाकमान की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई कांग्रेस के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्देश के बाद पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। pic.twitter.com/CGkJIyWWbX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 11, 2025
पहलगाम आतंकी हमले के बाद विवादास्पद टिप्प्णी
मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने कश्मीर के पहलगाम में 26 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस से मांग की थी कि पार्टी को नेशनल कांफ्रेंस से तुरंत समर्थन वापस ले लेना चाहिए.
राहुल गांधी को भी नहीं बख्शा
लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा था कि रॉबर्ट वाड्रा, जो राहुल गांधी के जीजा हैं, उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया. यह बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना है. अपने बयान में लक्ष्मण सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी घेरा और सलाह दी कि वे सोच-समझकर बयान दें. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्हें जिम्मेदार बातें करनी चाहिए. ये बचपना हम लोग कब तक झेलेंगे.
पार्टी को चेताते हुए कही थी ये बात
पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने पार्टी को चेताते हुए कहा था कि पार्टी के नेताओं को सोच-समझकर कोई बात करनी चाहिए. नहीं तो इसका नुकसान पार्टी को भुगतना होगा. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पार्टी से बाहर करना है, तो आज ही बाहर कर दें.
9 मई को भेजा था कारण बताओ नोटिस
कांग्रेस पार्टी ने लक्ष्मण सिंह के बयान को अनुशासनहीनता मानते हुए 9 मई को उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था. पार्टी ने उनसे 10 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा था. हालांकि, तय समय में भेजे गए उनके जवाब को पार्टी ने अस्वीकार्य और असंतोषजनक माना. इसी आधार पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई, जिसके तहत उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया.
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