Multitracking Project: दो मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट को केंद्र की मंजूरी, 52 करोड़ लीटर डीजल की होगी सलाना बचत
Multitracking Project: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 7 जिलों से होकर गुजरने वाली दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनकी कुल लागत 6,405 करोड़ रुपये है. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की बैठक में इन दोनों रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई. मल्टीट्रैकिंग परियोजना से पर्यावरण को काफी फायदा होगा और हर साल 52 करोड़ लीटर डीजल देश का बचेगा.
By ArbindKumar Mishra | June 12, 2025 7:43 AM
Multitracking Project: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और जानकारी दी. उन्होंने कहा, ये परियोजनाएं देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात में 52 करोड़ लीटर की कमी लाने और कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 264 करोड़ किलोग्राम की कटौती करने में मदद करेंगी, जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.
#WATCH | Delhi | On Indian Railways' Koderma – Barkakana multitracking project in Jharkhand, Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw says, "According to experts' calculations, the carbon dioxide sequestered by this project will be equivalent to planting seven crore trees. It will… pic.twitter.com/ZgRJLdkZ4m
स्वीकृत परियोजनाओं में से एक 133 किलोमीटर लंबे कोडरमा-बरकाकाना ट्रैक के दोहरीकरण से संबंधित है. यह ट्रैक न केवल झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है, बल्कि पटना-रांची के बीच का सबसे छोटा और अधिक सक्षम रेल संपर्क मार्ग भी है.
#WATCH | Delhi | On Indian Railways' Ballari – Chikjajur multitracking project in Karnataka and Andhra Pradesh, Union Railway Minister Ashwini Vaishnaw says, "This doubling project spans 185 km, and costs Rs 3,342 crore. It will efficiently connect the hinterland with the… pic.twitter.com/76B6c5RLAn
दूसरी परियोजना 185 किलोमीटर लंबे बेल्लारी-चिकजाजुर ट्रैक के दोहरीकरण की है। यह ट्रैक कर्नाटक के बेल्लारी एवं चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरता है.
मल्टीट्रैकिंग परियोजना से बढ़ेगा 1,408 गांवों तक रेल संपर्क
स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,408 गांवों तक रेल संपर्क बढ़ेगा. इन गांवों की कुल आबादी लगभग 28.19 लाख है. सरकार ने बयान में कहा, ‘‘ये रेल मार्ग कोयला, लौह अयस्क, तैयार इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि एवं पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं. इनकी क्षमता में वृद्धि से 4.9 करोड़ टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी.’’ ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव रेलवे परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार किए गए हैं.