कर्नाटक और केरल में मेढक के शरीर पर पनप रहा मशरूम, सकते में वैज्ञानिक

मेंढक की विशेष प्रजाति कर्नाटक और केरल के पश्चिमी घाटों के लिए स्थानिक है, विशेष रूप से पालघाट गैप के ऊपर के क्षेत्र में, जहां इसे सापेक्ष बहुतायत में पनपने के लिए जाना जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2024 11:49 AM
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अनुसंधानकर्ताओं ने कर्नाटक और केरल के पश्चिमी घाटों की तलहटी में ऐसा मेंढक देखा है, जिसकी बायीं ओर से एक मशरूम पनप रहा है. इस अजीबोगरीब परिवर्तन को देखने के बाद वैज्ञानिक असमजंस में हैं. ‘रेप्टाइल्स और एंफीबियन्स’ पत्रिका में इस बारे में जानकारी प्रकाशित की गयी है. मेंढक की पहचान ‘राव्स इंटरमीडिएट गोल्डन बैक्ड फ्रॉग’ (हाइलारना इंटरमीडिया) के रूप में की गयी है.

अनुसंधानकर्ताओं ने 19 जून को करकला में देखा

इसे विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अनुसंधानकर्ताओं समेत एक टीम ने पिछले साल 19 जून को कर्नाटक के करकला में देखा था. यह विशेष प्रजाति कर्नाटक और केरल के पश्चिमी घाटों के लिए स्थानिक है, विशेष रूप से पालघाट गैप के ऊपर के क्षेत्र में, जहां इसे सापेक्ष बहुतायत में पनपने के लिए जाना जाता है.

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छोटे से तालाब में दिखे 40 मेंढक

अनुसंधानकर्ताओं ने सड़क किनारे बारिश के पानी के एक छोटे-से तालाब में ऐसे करीब 40 मेढक देखे. इनमें से एक के बायें हिस्से में कुछ अजीब चीज दिखायी दी और करीब से पड़ताल करने के बाद उसकी बायीं ओर से एक मशरूम उगता देखा गया. मेढक जिंदा है और इस असामान्य स्थिति के बाद भी सक्रिय है.

मशरूम की पहचान बोनट मशरूम की प्रजाति के रूप में हुई

माइकोलॉजिस्ट द्वारा आगे के विश्लेषण से मशरूम की पहचान बोनट मशरूम (माइसेना प्रजाति) की एक प्रजाति के रूप में हुई, जो आमतौर पर सड़ती हुई लकड़ी पर सैप्रोट्रॉफ के रूप में पाया जाता है. सैप्रोट्रॉफ ऐसी संरचनाएं हैं, जो निर्जीव जैविक वस्तुओं पर पैदा होती हैं.

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