विपक्ष ने कहा असंवैधानिक
विपक्ष के नेता आर अशोक ने विधेयक को असंवैधानिक कहा है. विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता संशोधन विधेयक 2025 को पेश किया. बीजेपी ने विधेयक को लेकर कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. शुक्रवार को जैसे ही सदन में विधेयक पारित हुआ बीजेपी के नेता नारेबाजी करते हुए सदन में घुस गए. वे स्पीकर की सीट पर चढ़ गए. स्पीकर पर कागज फेंके. इसके बाद उन्हें जबरन मार्शल बुलाकर वहीं से निकाला गया.
सिद्धारमैया सरकार ने बजट में की थी घोषणा
इससे पहले बीते शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी थी, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के सार्वजनिक कामों और एक करोड़ रुपये तक के माल/सेवा खरीद अनुबंध में मुसलमानों को 4 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सात मार्च को पेश किए गए अपने 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की थी.
फिलहाल कैसा है समीकरण
फिलहाल कर्नाटक में सिविल कार्य ठेकों में एससी/एसटी के 24 फीसदी जबकि ओबीसी से संबंधित श्रेणी-1 के लिए चार फीसदी और श्रेणी-2ए के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण है. चार प्रतिशत आरक्षण के साथ ओबीसी की श्रेणी-2बी के तहत मुसलमानों को जोड़ने की मांग की गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने कहा है कि वह विधेयक को कोर्ट में चुनौती देगी.
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