इन मुद्दों पर देगी मुफ्त कानूनी सहायता
इस योजना का मूल संदेश देश है कि सेवा में तैनात जवानों को अब अपने परिवारों की कानूनी समस्याओं की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. योजना के तहत पारिवारिक झगड़े, संपत्ति-भूमि विवाद, वित्तीय लेन-देन जैसे मामलों में उनके परिवारों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जाएगी.
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ऑपरेशन सिंदूर से मिली प्रेरणा
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जवानों के संघर्ष को करीब से देखने के बाद जस्टिस सूर्यकांत ने इस मानवीय पहल की रूपरेखा तैयार की. उनका कहना है कि जब एक जवान सीमा पर तैनात होता है, तो उसे यह भरोसा होना चाहिए कि देश की न्यायपालिका उसके परिवार की रक्षा करेगी.
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- भारतीय सेना, CRPF, ITBP, BSF और अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिवार इस योजना के दायरे में होंगे.
- कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं, प्रशिक्षित वकील करेंगे प्रतिनिधित्व.
- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) स्तर पर विशेष शिविर व हेल्पलाइन शुरू किए जाएंगे.
- कानूनी विवाद सामने आते ही संबंधित एजेंसी स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी.
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क्यों अहम है यह योजना?
देश के जवान अक्सर खतरनाक जगहों पर तैनात रहते हैं, जिससे वे अपने कानूनी मामलों में सक्रिय रूप से भाग नहीं ले पाते. नतीजतन कई बार उन्हें संपत्ति या परिवारिक विवादों में नुकसान उठाना पड़ता है. NALSA की यह पहल ऐसे ही मामलों में राहत पहुंचाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है.