इस बीच भारतीय सेना ने बॉर्डर में शहीद हुए 20 जवानों की सूची जारी कर दी है. सूची के अनुसार शहीद हुए जवानों में सबसे अधिक नाम बिहार-झारखंड से है. लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले 20 भारतीय सेना के जवानों के नाम इस प्रकार है.`
कर्नल बी संतोष बाबू – हैदराबाद
नायब सूबेदार नंदू राम सोरेन – मयूरभंज
नायब सूबेदार मनदीप सिंह – पटियाला
नायब सूबेदार सतनाम सिंह – गुरदासपुर
81 फील्ड रेजिमेंट के जेनरल हवलदार के पलानी – मदुरई
81 एमपीएससी रेजिमेंट के हवलदार सिपाही बिपुल रॉय – मेरठ सिटी
नायब सूबेदार दीपक सिंह – रीवा
हवलदार सुनील कुमार – पटना
सिपाही राजेश उरांव – वीरभूम (बंगाल)
सिपाही कुंदन कुमार ओझा – साहेबगंज (झारखंड)
सिपाही गणेश राम – कांकेर (छत्तीसगढ़)
सिपाही चंद्रकांत प्रधान – कंधमाल
सिपाही अंकुश – हमीरपुर
पंजाब रेजिमेंट के सिपाही गुरुविंदर सिंह – संगरुर
पंजाब रेजिमेंट के सिपाही गुरुतेज सिंह – मनसा
सिपाही चंदन कुमार – भोजपुर (बिहार)
सिपाही कुंदन कुमार – सहरसा (बिहार)
सिपाही अमन कुमार – समस्तीपुर (बिहार)
सिपाही जय किशोर सिंह – वैशाली (बिहार)
सिपाही गणेश हांसदा – पूर्वी सिंहभूम (झारखंड)
1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच सबसे बड़ा टकराव
पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस समय हुए टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे. इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त हुआ है जब सरकार का ध्यान कोविड-19 संकट से निपटने पर लगा हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार का रक्षा मंत्री और गृह मंत्री के साथ की उच्च स्तरीय वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समग्र समीक्षा की गयी. यह समझा जा रहा है कि भारत ने 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए दृढ़ रुख जारी रखने का फैसला किया है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास के कारण हुई. चीन की सरकारी मीडिया ने मंगलवार को चीनी सेना के हवाले से दावा किया कि गलवान घाटी क्षेत्र पर उसकी हमेशा संप्रभुता रही है और आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने जानबूझकर उकसाने वाले हमले किए जिस कारण गंभीर संघर्ष हुआ और सैनिक हताहत हुए.
posted by – arbind kumar mishra