भारतीय नौसेना की उपलब्धियों में एक और तमगा जुड़ गया है. नौसेना के स्वदेशी टाॅरपीडो ने पानी के अंदर अपने टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त एक नया कीर्तिमान बनाया है. टारगेट के ध्वस्त होते ही डीआरडीओ और नौसेना के अधिकारियों के चेहरे पर खुशी थी. इस बात की जानकारी नौसेना के द्वारा ट्वीट कर दी गयी है. नौसेना के ट्विटर हैंडिल से ट्वीट किया गया है-आत्मनिर्भर भारत.
DRDO ने किया है टाॅरपीडो का निर्माण
ज्ञात हो कि डीआरडीओ ने ही इस टाॅरपीडो का निर्माण किया है. इसकी मारक क्षमता का एक वीडियो नौसेना की ओर से जारी किया गया है. इस वीडियो में दिखाई पड़ रहा है कि एक लंबी वस्तु पानी पर तैर रही है और फिर अचानक विस्फोट होता है और वह वस्तु नष्ट हो जाती है. मंगलवार को किये गये इस परीक्षण से पहले भी टाॅरपीडो की क्षमता से जुड़े परीक्षण किये जा चुके हैं.
Successful engagement of an Underwater Target by an indigenously developed Heavy Weight Torpedo is a significant milestone in #IndianNavy's & @DRDO_India's quest for accurate delivery of ordnance on target in the underwater domain. #AatmaNirbharBharat@DefenceMinIndia pic.twitter.com/ZMSvtFSobE
— SpokespersonNavy (@indiannavy) June 6, 2023
क्या है टाॅरपीडो
Torpedo एक स्वचलित विस्फोटक प्रक्षेपास्त्र है जिसे समुद्री जहाज से पानी के सतह के अंदर या नीचे दागा जा सकता है. ज्ञात हो कि यह प्रक्षेपास्त्र पानी की सतह के नीचे ही चलता है, लेकिन जब वह लक्ष्य से टकराता है तो उसमें विस्फोट हो जाता है. इसका आविष्कार 1866 में राॅबर्ट व्हाइटहेड नाम के अंग्रेज ने किया था. अब टाॅरपीडो की रचना में काफी बदलाव आ गया है और यह अब एक चतुर हथियार बन चुका है. यह सीधे तो चलता ही है जरूरत पड़ने पर कई बार मुड़कर अपना मार्ग भी बदल सकता है. टाॅरपीडो का इस्तेमाल पनडुब्बियों के लिए किया जाता है. इसकी मदद से भारत की युद्ध क्षमता में काफी वृद्धि होगी. टाॅरपीडो पानी के अंदर कुछ ही सेकेंड में दुश्मन की सबमरीन को निशाना बनाने की क्षमता रखता है.
आईएनएस विक्रांत पर उतरा एमएच 60 रोमियो
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह भी नौसेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इसके बारे में भी ट्वीट कर जानकारी दी गयी थी. आईएनएस विक्रांत पर एक हेलीकाॅप्टर की लैंडिंग करायी गयी है. एमएच60 रोमियो हेलीकाॅप्टर की लैंडिग आईएनएस विक्रांत पर करायी गयी है. सबमरीन युद्ध के लिए यह घटनाएं मील का पत्थर साबित हो सकती हैं.
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