जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय द्वारा आयोजित एक वेब सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
रक्षा अध्यक्ष जनरल रावत ने कहा है कि भारत की स्थिति एकदम स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि ”हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे.” उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत की शक्ति बढ़ेगी, उसके अनुपात में रक्षा संबंधी चुनौतियां भी बढ़ेंगी.
उन्होंने कहा कि देश को सैन्य आवश्यकताओं के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम करनी ही होगी. मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों से निबटने को लेकर लंबी अवधि की रक्षा संबंधी परियोजनाओं में निवेश किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि उरी और बालाकोट हमलों ने कड़ा संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों को भेजने के बाद बच नहीं सकता. उन्होंने कहा कि भारत के आतंकवाद से निबटने के तरीकों ने वहां अनिश्चितता का माहौल बना दिया है, लेकिन फिर भी वह सीमा पार से आतंकवादी छद्म युद्ध से बाज नहीं आ रहा है.