शराब दुकानों के लाइसेंस को एक महीने का मिला विस्तार
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने बताया कि सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को एक महीने के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव रविवार की देर रात मंजूरी के वास्ते उपराज्यपाल को भेजा था. आबकारी विभाग ने अब तक इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है. जब तक ऐसा आदेश जारी नहीं हो जाता, तब तक होटल और पब में शराब नहीं परोसी जा सकती है और न ही ठेकों में बेची जा सकती है.
स्टॉक क्लीयरेंस के लिए दुकानदारों को मिली मोहलत
उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि 31 जुलाई को समाप्त हुए मौजूदा लाइसेंस को देखते हुए और प्रशासन में लोगों के विश्वास को बनाए रखने के लिए इस विस्तार को अनिवार्य रूप से एक सीमित अस्थायी उपाय के रूप में मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने महसूस किया है कि स्टॉक क्लीयरेंस के लिए मौजूदा खुदरा और थोक लाइसेंस के कार्यकाल को एक महीने के लिए बढ़ाने और खुदरा तथा थोक ठेके को बंद होने से बचाने के लिए रविवार के दिल्ली मंत्रिमंडल के फैसले से सहमत होने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था.
एक सितंबर से लागू होगी पुरानी आबकारी नीति
सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही शहर में शराब की अनुपलब्धता के कारण किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था बिगड़ने रोकने के लिए भी यह निर्णय किया गया है. विस्तारित अवधि के लिए लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर सरकार द्वारा आबकारी लाइसेंस जारी किए जाएंगे. विस्तार के लिए आवेदन करने वाले निजी खुदरा शराब के ठेके 31 अगस्त तक संचालित होंगे. दिल्ली सरकार एक सितंबर से पुरानी आबकारी नीति की व्यवस्था को वापस लाएगी और शराब की दुकानों का संचालन करेगी.
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17 नवंबर 2021 से लागू हुई थी नई आबकारी नीति
बता दें कि नई आबकारी नीति 2021-22 के तहत दिल्ली सरकार ने पूरे शहर को 32 जोन में बांटकर 849 खुदरा लाइसेंस जारी किए थे और यह नीति 17 नवंबर 2021 से लागू की गई थी. रेस्टोरेंट चलाने वाले एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से उच्चतम स्तर पर प्रशासनिक अक्षमता प्रतीत होती है, जिसके चलते यह स्थिति पैदा हुई. उन्होंने कहा कि यदि वह लाइसेंस की समय सीमा को बढ़ाना चाहती थी, तो उसे पहले ही ऐसा करना चाहिए था.