पूरा ऑपरेशन हिंसक और निरर्थक हो सकता था
बताया जा रहा है कि अगर छापेमारी की योजना के बारे में इन्हें पहले पता चल जाता तो दक्षिणी राज्यों में समूह के दबदबे और समर्थन को देखते हुए पूरा ऑपरेशन हिंसक और निरर्थक हो सकता था. बता दें कि इस छापेमारी कि विस्तृत जानकारी सभी 300 अधिकारियों को घटना से एक दिन पहले ही दे दिया आया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस छापेमारी अभियान का नाम ऑपरेशन ऑक्टोपस रखा गया था. बताया जा रहा है कि यह छापेमारी गुरुवार को सुबह 4 बजे होना था लेकिन इसे 3.30 बजे तक बढ़ा दिया गया था.
तैयारी के बाद की गयी छापेमारी
बता दें कि पीएफआई और इसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई पर की गयी छापेमारी के लिए कड़ी तैयारी की गयी थी. विस्तृत केस स्टडी, डेटा संग्रह और मिलान के बाद इस कार्रवाई को रूप दिया गया. छापेमारी से पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा तैयार एक विस्तृत डोजियर को सभी संबंधित एजेंसी प्रमुखों के साथ साझा किया गया था. हालांकि अभी तक हुई छापेमारी और बाद में अभियुक्तों पर मुकदमा चलाने से संगठन का सफाया तो नहीं हो सकता है, लेकिन भविष्य में इस समूह में शामिल होने की योजना बनाने वालों के लिए एक दिक्कत जरूर होगी.
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रियाज सैय्यद सहित 60-70 कार्यकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज
बता दें कि महाराष्ट्र में पीएफआई पर एनआईए की छापेमारी को लेकर बीते शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने के लिए पुणे शहर में 60-70 अन्य पीएफआई कार्यकर्ताओं के साथ रियाज सैय्यद नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. यह जानकारी पुणे पुलिस के द्वारा दी गयी है.