2012 Delhi Gang Rape Case : फांसी करीब आते ही निर्भया के दरिंदों ने बदला अपना व्‍यवहार

2012 Delhi gang rape case : निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड मामले के चार दोषियों में से तीन ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाकर अपनी ‘गैरकानूनी फांसी की सजा' रोकने का अनुरोध किया

By ArbindKumar Mishra | March 17, 2020 3:44 PM
an image

नयी दिल्ली : 2012 निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारों दोषियों को फांसी देने में मात्र 3 दिन शेष रह गये हैं. लेकिन जैसे-जैसे फांसी के दिन करीब आ रहे हैं उनके व्‍यवहार में काफी बदलाव आ रहा है. अभी तक किसी ने भी अपनी आखिरी इच्‍छा नहीं बतायी है. मालूम हो चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा(26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चारों दोषी गुमसुम रहने लगे हैं. अभी तक किसी ने भी अपनी आखिरी इच्‍छा नहीं बतायी है. अक्षय कुमार सिंह ने अभी तक अपने परिवार वालों के साथ मुलाकात नहीं की है. हालांकि तीन अन्‍य दोषियों के परिवार वालों ने मुलाकात कर ली है. तिहाड़ जेल की नियमावली के तहत यह जेल प्रशासन के लिए बाध्यकारी है कि वह कैदियों को फांसी से पहले परिवार और दोस्तों से मुलाकात की सुविधा दे. सभी दोषियों को जेल नंबर 3 के कंडम सेल में अलग-अलग रखा गया है. सभी की चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है. उनके व्यवहार का अध्ययन किया जा रहा है.

दूसरी ओर निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए पवन जल्‍लाद तिहाड़ जेल पहुंच चुका है. तिहाड़ के अधिकारियों ने बताया कि सभी को फांसी देने की पूरी तैयारी कर ली गयी है. 20 मार्च को फांसी पर चढ़ाने से पहले 18 और 19 मार्च को डमी फांसी दी जाएगी.

तीन बार टल चुकी है फांसी

निर्भया के दोषियों के लिए चौथी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. इससे पहले दिल्‍ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन बार डेथ वारंट जारी किया था. पहली बार 22 जनवरी को, दूसरी बार 1 फरवरी और तीसरी बार 3 मार्च को. लेकिन तीनों बार निर्भया के दोषियों ने कानूनी हथकंडा अपनाकर फांसी को टालने में सफल रहे.

फांसी को रोकने के लिए आईसीजे पहुंचे दरिंदे

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड मामले के चार दोषियों में से तीन ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाकर अपनी ‘गैरकानूनी फांसी की सजा’ रोकने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया है कि ‘दोषपूर्ण’ जांच के जरिये उन्हें दोषी करार दिया गया और उन्हें प्रयोग का माध्यम (गिनी पिग) बनाया गया है.

दोषी के वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि चारों दोषियों… विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह और मुकेश सिंह ने अभी तक अपने सभी कानूनी उपचारों का उपयोग नहीं किया है.

याचिका में कहा गया है कि यह सूचित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि मौत की सजा पाए इन दोषियों के कानूनी उपचार/मुकदमे भारत में विभिन्न अदालतों/संवैधानिक संस्थाओं के समक्ष लंबित हैं, लेकिन बेहद आश्चर्यजनक और दुर्भायपूर्ण है कि भारत में, केन्द्रीय तिहाड़ जेल ने योजना तैयार कर ली है और उन्हें 20 मार्च को फांसी देने वाली है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि निर्भया मामले में दोषियों ने जांच के दौरान कई बार पॉलीग्राफ, लाइ डिटेक्टर और ब्रेन मैपिंग कराने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसे सभी अनुरोधों को बिना किसी तर्क के खारिज कर दिया गया. याचिका में आईसीजे से अनुरोध किया गया है कि वह मामले के एकमात्र चश्मदीद, पीड़िता के मित्र, की गवाही झूठ होने की संभावनाओं की ‘तत्काल जांच करें. उसमें दावा किया गया है कि दोषियों के साथ ‘गिनी पिग’ की भांती व्यवहार किया गया और उन्हें इस मामले में झूठ फंसाया गया है. आईसीजे से अनुरोध है कि वह मामले के तत्काल जांच का आदेश दे.

उल्लेखनीय है कि 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा निर्भया से 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म के साथ क्रूरता की थी. चारों आरोपियों और एक नाबालिग समेत छह लोगों को दोषी ठहराया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई के शुरुआत में ही तिहाड़ जेल में कथित रूप से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. नाबालिग को तीन साल सुधार गृह में रहने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version