Old vs New Tax Regime, जानें दोनों में क्या है अंतर

Old vs New Tax Regime: मोदी 3.0 के दूसरे बजट में आज सरकार ने बड़ी राहत दी है. इसके बाद चर्चा होने लगा कि आखिर ये ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम है क्या.

By Ayush Raj Dwivedi | February 1, 2025 3:11 PM
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Old vs New Tax Regime: केंद्रीय बजट 2024 में आम जनता के लिए टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है. जिसके तहत नए टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स छूट की लिमिट 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है. इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को कुछ राहत मिली है. इसके बाद चर्चा होने लगा कि आखिर ये ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम है क्या

क्या है ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम?

सबके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम है क्या? आइए आपको इसके बारे में बताते हैं. सरकार ने सबसे पहले न्यू टैक्स रिजीम को साल 2020 में लाई थी. इस रिजीम में टैक्स के दरों को आसान कर दिया गया था. अगर इसकी तुलना करें तो आपकी आय 12 सालाना है तो 15% टैक्स देना पड़ता है. लेकिन न्यू टैक्स रिजीम में आपको 12 लाख तक आय पर ज़ीरो टैक्स देना पड़ेगा.

न्यू टैक्स रिजीम की शुरुआत 2020 में की गई थी, लेकिन शुरुआती दौर में इसे ज्यादा पसंद नहीं किया गया था. समय के साथ सरकार ने इसे ज्यादा लोकप्रिय बनाने के लिए कई प्रयास किए, और 2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस टैक्स सिस्टम से जुड़ी पांच प्रमुख राहतों का ऐलान किया. इसके बावजूद, टैक्सपेयर्स के लिए ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम के बीच सही चुनाव करना अब भी चुनौतीपूर्ण हो गया.

खत्म हो सकता है ओल्ड टैक्स रिजीम

केंद्रीय वित्त मंत्री ने आज बजट के दौरान न्यू टैक्स बिल का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही बिल लेकर आएगी. उम्मीद जताया जा रहा है कि पुराने टैक्स रिजीम को खत्म किया जा सकता है. यह वर्ष पुराने टैक्स रिजीम का आखिरी साल हो सकता है.

नए टैक्स रिजीम की संरचना इस प्रकार होगी

किसे चुनें—ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम?

यह फैसला व्यक्ति की आय, खर्चों और टैक्स बचाने की योजनाओं पर निर्भर करता है. अगर किसी व्यक्ति को ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत मिलने वाली छूटों का लाभ ज्यादा मिल रहा है, तो वह ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प चुन सकता है. वहीं, जो लोग छूटों से ज्यादा परेशान नहीं हैं और टैक्स का भुगतान सरल तरीके से करना चाहते हैं, उन्हें न्यू टैक्स रिजीम ज्यादा फायदेमंद हो सकता है.

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