करगिर युद्ध का किया जिक्र
अपने भाषण में उमर अब्दुल्ला ने कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय अच्छा मौका था, भारत सरकार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस ले सकती थी. केंद्र सरकार को पीओके वापस लेने से किसी ने नहीं रोका है. उमर ने कहा कि हमें इसका वो हिस्सा भी लेना चाहिए जिस पर चीन ने कब्जा जमाया हुआ है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की थी टिप्पणी
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को लंदन में चैथम हाउस थिंक-टैंक के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि कश्मीर विवाद का समाधान “कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी के बाद होगा, जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है.” ब्रिटेन की यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने चैथम हाउस में आयोजित कार्यक्रम में कहा “अनुच्छेद-370 को हटाना पहला कदम था, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था. बहुत अधिक मतदान के साथ चुनाव कराना तीसरा कदम था.”
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पाकिस्तान ने दी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान के बाद पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया आई है. पाकिस्तान ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी को बेबुनियाद कहा है. पाकिस्तान ने इस मुद्दे के समाधान की मांग की है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपनी मीडिया से बात करते हुए कहा कि जयशंकर की टिप्पणी को खारिज कर दिया. साथ ही कश्मीर के उस हिस्से को खाली करने को कहा जिस पर उसने कब्जा कर रखा है. खान ने कहा “आजाद जम्मू-कश्मीर के बारे में बेबुनियाद दावे करने के बजाय भारत को पिछले 77 सालों से अपने कब्जे में रखे गए जम्मू-कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए.”