One Nation One Election: एक देश, एक चुनाव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, देखें किसने क्या कहा?

One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी. जिसके बाद राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है. आइये जानते हैं किसने क्या कहा?

By ArbindKumar Mishra | December 12, 2024 4:41 PM
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One Nation One Election: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. जिसके बाद विपक्षी नेता लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं.

शिवसेना (यूबीटी) ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर उठाया सवाल

शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई ने कहा, यह सही है कि एक राष्ट्र एक चुनाव हमारे देश और इसके विकास के लिए अच्छा है, लेकिन क्या चुनाव आयोग, प्रशासन और पुलिस में ऐसा करने की क्षमता है? हमारे पास उचित बुनियादी ढांचा भी नहीं है. यहां तक ​​कि झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव भी एक साथ नहीं हो सकते.

कांग्रेस सांसद सुरेश ने कहा, नहीं पता केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन को मंजूरी दे दी है

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, “हमें नहीं पता कि कैबिनेट ने एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को मंजूरी दी है, हमें इसके बारे में केवल मीडिया के माध्यम से पता चला है. अगर सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पारित करना चाहती है, तो उन्हें सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों को भी आमंत्रित करना चाहिए क्योंकि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है. कुछ आम सहमति बननी चाहिए, लेकिन सरकार राज्यों और राजनीतिक दलों के साथ बिना किसी चर्चा के विधेयक पेश करने जा रही है. शुरू से ही, एक राष्ट्र एक चुनाव पर हमारा रुख स्पष्ट रहा है. सरकार को बताना चाहिए कि वे विधेयक क्यों लाना चाहते हैं.”

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आरजेडी सांसद मनोज झा ने वन नेशन वन इलेक्शन पर सरकार पर साधा निशाना

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, “जेपीसी में खुली सलाह-मशविरा होता है, लेकिन यह सब तभी होता है जब हम दस्तावेज देखते हैं. दस्तावेज को पढ़ने के बाद इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए कि यह देश की प्राथमिकता में कहां आता है. क्या कुछ और मुद्दे हैं जो इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है? ताकि लोग प्रासंगिक सार्वजनिक मुद्दों पर सवाल न उठाएं.”

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