डिफेंस विशेषज्ञों का मानना है कि इस नाम के पीछे गहरा मानवीय भाव जुड़ा हुआ है. दरअसल, पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई ऐसे नवविवाहित जोड़े निशाना बने, जो हनीमून के लिए घाटी पहुंचे थे. इन हमलों ने कई नवविवाहित महिलाओं के सिर से सिंदूर का अधिकार छीन लिया. इन्हीं आंसुओं और पीड़ा की गूंज बनी भारत की यह जवाबी कार्रवाई — ऑपरेशन सिंदूर
शहीदों की विधवाओं की पीड़ा बनी प्रेरणा
गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल, जिनकी 16 अप्रैल को शादी हुई थी, अपने पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के साथ हनीमून पर थीं. आतंकियों ने विनय को गोलियों से छलनी कर दिया. हिमांशी का कहना था, “मैंने सिंदूर से भरी मांग के साथ विदाई ली थी, कुछ ही दिन में सब छिन गया.’
ऐसा ही दर्द झेला जयपुर की प्रियंका शर्मा ने, जो अपने पति रोहित शर्मा के साथ हनीमून पर थीं. रोहित की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि प्रियंका गंभीर रूप से घायल हुईं.
शिमला की अंजलि ठाकुर और पुणे की स्नेहा पाटिल की कहानियां भी रोंगटे खड़े कर देती हैं. अंजलि के पति विवेक ठाकुर और स्नेहा के पति अमित पाटिल भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए. स्नेहा की करुण पुकार थी, “आतंकियों ने हमारा सब कुछ छीन लिया.’