पहले भी हुआ था निर्यात, मिल चुकी है सफलता
इससे पहले आर्मीनिया ने पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदा था और उसे अज़रबैजान के खिलाफ संघर्ष में प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया था. इससे भारत की हथियार तकनीक को वैश्विक स्तर पर एक भरोसेमंद और असरदार विकल्प के रूप में मान्यता मिली.
क्या है पिनाका रॉकेट सिस्टम की खासियत?
पिनाका एक मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) है जो एक बार में 12 रॉकेट दाग सकता है. इसकी एक बैटरी कुछ सेकंड में 1 टन तक विस्फोटक दुश्मन पर गिरा सकती है. गाइडेड वर्जन में सैटेलाइट-निर्देशित सटीकता है और यह 75 किमी से ज्यादा दूरी तक हमला कर सकता है. इसे DRDO और सोलर इंडस्ट्रीज ने मिलकर विकसित किया है.
कितना है पिनाका का खर्च?
एक गाइडेड रॉकेट की कीमत करीब $56,000 (₹4.6 करोड़) है. एक यूनिट (लॉन्चर + फायर कंट्रोल + कमांड पोस्ट) की कीमत करीब ₹140-150 करोड़ होती है.
एक पूरी रेजीमेंट (6 लॉन्चर और सपोर्ट सिस्टम) की लागत ₹850 करोड़ के आसपास आती है. यह सिस्टम अमेरिका के HIMARS से सस्ता और भारतीय जरूरतों के मुताबिक ज्यादा उपयुक्त माना जा रहा है.
‘मेक इन इंडिया’ की बड़ी सफलता
गाइडेड पिनाका न केवल भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) का प्रतीक है, बल्कि यह अब रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी भारत को मजबूत स्थिति में खड़ा कर रहा है. सोलर इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक (रिटा.) मेजर जनरल वी. आर्य के अनुसार, आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिलने की उम्मीद और बढ़ रही है.