Operation Sindoor: पाकिस्तान की नापाक हरकत, LOC पर रातभर की गोलीबारी

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई है, जो 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद 6-7 मई की रात पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई. इसमें लश्कर जैश और हिजबुल जैसे आतंकी संगठनों के अड्डे तबाह किए गए, जिससे पाकिस्तान में दहशत फैल गई.एलओसी पर तनाव काफी बढ़ गया है.

By Ayush Raj Dwivedi | May 8, 2025 7:52 AM
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Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत ने करारा जवाब दे दिया है. 6-7 मई की रात भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह किया गया. इस हमले में हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे खूंखार आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के कई अड्डे ध्वस्त कर दिए गए.

हालांकि ऑपरेशन खत्म होने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, जिससे पाकिस्तान में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर भारी गोलाबारी और मोर्टार से हमला किया. गुरुवार को हुई इस फायरिंग में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन सीमावर्ती गांवों के लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारत को हमले का बदला लेने की धमकी दी है. वहीं भारतीय सेना ने भी साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया बड़ा बयान

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की कार्रवाई पर बड़ा बयान देते हुए कहा ‘भारत ने जैसे को तैसा जवाब दिया है. आतंक के खिलाफ उसकी यह कार्रवाई पूरी तरह उचित है.’ अमेरिका का यह समर्थन भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है.

जैसलमेर के लोग ऑपरेशन सिंदूर से हैं खुश

ऑपरेशन सिंदूर पर भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके के एक ग्रामीण ने कहा, “चाहे अल्पसंख्यक समुदाय हो या विशेष समुदाय, वे खुश हैं. लोग खुश हैं. पहलगाम की घटना का बदला लिया गया है…पाकिस्तान में लड़ने की ताकत नहीं है, उनके पास कुछ भी नहीं है. वे भारत के खिलाफ कैसे लड़ेंगे…सेना को हमेशा देश के खिलाफ खड़े लोगों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.” एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “हम कल रात की स्ट्राइक से खुश हैं. हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं. हम उन्हें अपना समर्थन देते हैं. पहले हमारे पूर्वजों ने सेना को समर्थन दिया था, आज हम वही कर रहे हैं.”

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