Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारत ने अमेरिका सहित कई देशों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया था. भारत की ओर से कहा गया था कि निसंदेह वह पाकिस्तान की धरती से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने यह खबर दी है. सूत्र के अनुसार गत मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के बाद भारत ने विभिन्न देशों को बताया था कि पाकिस्तान की हर सैन्य कार्रवाई पर उसका जवाब अधिक शक्तिशाली और निर्णायक साबित होगा.
सूत्रों ने बताया कि यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से कहा था कि पाकिस्तानी कार्रवाइयों के जवाब में भारत की प्रतिक्रिया अधिक शक्तिशाली, मजबूत, विनाशकारी होगी. वेंस ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ने के बीच मोदी को फोन किया था. एक सूत्र ने कहा, ‘‘22 अप्रैल के बाद हमारे सभी संदेशों में हमने कहा कि हम आतंकवादियों पर हमला करेंगे, परिणाम भुगतने होंगे. हम पहले दिन से ही बिल्कुल स्पष्ट थे.’’
वे हमला करते हैं तो हम भी करेंगे : भारत ने कहा
सूत्र ने कहा, ‘‘वे हमला करते हैं तो हम भी करेंगे. वे शांत रहते हैं तो हम भी शांत रहेंगे. यही हमारा संदेश था.’’ सूत्रों ने कहा कि मोदी ने वेंस की बात सुनी और फिर उनसे कहा, ‘‘आश्वस्त रहें, अगर पाकिस्तान कुछ भी करता है तो उसे उससे ज्यादा ताकत, मजबूती से जवाब मिलेगा. उसे यह समझने की जरूरत है.’’ भारत ने वायु रक्षा प्रणालियों से लेकर रडार स्थल और पाकिस्तानी सेना के कमान सेंटर तक आठ प्रमुख ठिकानों पर हथियार प्रणालियों और मिसाइलों से सिलसिलेवार तरीके से सटीक हमले किए. इसके कारण ही इस्लामाबाद को नयी दिल्ली से ये सब रोकने के लिए कहना पड़ा.
नौ और 10 मई की रात को क्या हुआ?
सूत्र ने बताया कि नौ और 10 मई की रात को उधमपुर, पठानकोट और आदमपुर में वायु सेना स्टेशन सहित 26 भारतीय ठिकानों पर हमला करने के पाकिस्तान के प्रयासों के जवाब में भारत ने कार्रवाई की. भारतीय सशस्त्र बलों ने शनिवार सुबह रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियां सहित पाकिस्तान की सेना के कई अड्डों पर जोरदार जवाबी हमला किया. उन्होंने कहा कि पसरूर और सियालकोट हवाई अड्डे के रडार स्थलों को भी सटीक हथियारों का इस्तेमाल करके निशाना बनाया गया, जिससे भारी नुकसान हुआ.
शनिवार को भारतीय हमलों के कुछ घंटों बाद, पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने अपने भारतीय समकक्ष से ये सब रोकने के लिए प्रस्ताव रखा. दोनों डीजीएमओ के बीच बातचीत के लगभग दो घंटे बाद, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए सहमति बनाई है. सूत्रों ने बताया कि 10 मई को भारत की तरफ से बड़े पैमाने पर सैन्य हमले किए जाने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिकी प्रशासन से संपर्क किया था.
पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों का जवाब दिया गया
सूत्रों ने बताया कि बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जयशंकर को फोन किया और कहा कि पाकिस्तान ये सब रोकने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच पहला संपर्क 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के तुरंत बाद हुआ था. मोदी सऊदी अरब में थे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री को फोन कर एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के बाद भारत ने अमेरिका से कहा कि वह केवल पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों का जवाब देगा.
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