Pahalgam Terror Attack : 15 दिन पहले खोली दुकान, हमले के दिन हो गया गायब, NIA के रडार पर दुकानदार

Pahalgam Terror Attack : एनआईए ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच के तहत लगभग 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ की है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. पिछले महीने, एनआईए ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद से हमले की जांच जारी है.

By Amitabh Kumar | May 4, 2025 1:08 PM
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Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक स्थानीय व्यक्ति ने पर्यटकों पर आतंकवादी हमले से लगभग 15 दिन पहले अपनी दुकान खोली थी. हमले वाले दिन उसने अपनी दुकान नहीं खोली उससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित कई केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में खबर  प्रकाशित की है. 22 अप्रैल को हुए हमले की जांच कर रही एनआईए ने अपनी जांच के तहत करीब 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ की है. पूछताछ के दौरान ही केंद्रीय एजेंसी को उस व्यक्ति के बारे में पता चला जिसने घटना वाले दिन अपनी दुकान नहीं खोली थी.

जांच एजेंसी कर रही है पूछताछ

एक सूत्र ने बताया, “अब केंद्रीय एजेंसियों और एनआईए के अधिकारी उस व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हैं और कुछ सुराग हासिल करने के लिए उसके इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड की भी जांच कर रहे हैं.” केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम ने उन सभी स्थानीय लोगों की सूची तैयार की है जो उस समय घटनास्थल पर मौजूद थे. जांच एजेंसी अब उनसे पूछताछ कर रही है. सूत्र ने कहा, “चूंकि मामला एनआईए के पास है, इसलिए हम उन्हें मदद मुहैया करा रहे हैं और सभी स्थानीय लोगों को उनके पास भेज रहे हैं.”

अब तक 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ

सूत्र ने कहा, “उन्होंने अब तक 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ की है, जिनमें टट्टू संचालक, दुकानदार, फोटोग्राफर और साहसिक खेल गतिविधियों में कार्यरत लोग शामिल हैं. उनमें से कुछ ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उन्हें उनके बोलने के स्टाइल के आधार पर या हमलावरों द्वारा उनके धर्म का पता लगाने के बाद बख्शा गया था.”

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जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ

इस सप्ताह की शुरुआत में, एनआईए ने एक पर्यटक द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में “अल्लाहु अकबर” कहते हुए देखे गए जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ की. हालांकि उसे क्लीन चिट दे दी गई. “पूछताछ के बाद पता चला कि जब वह “अल्लाहु अकबर” का नारा लगा रहा था तो वह डर गया और तुरंत मौके से चला गया. घर पहुंचने के बाद भी उसने पुलिस सहित किसी को भी इसकी सूचना नहीं दी. उसने शाम को अपने दोस्त को फोन किया.

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