मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले के संबंध में गिरफ्तार किये गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है और उन्होंने विपक्ष पर इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया.
इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और मानवता पर कलंक बताते हुए देशमुख ने फेसबुक के जरिए संबोधन में कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है. उन्होंने साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण को परास्त करने के लिए सभी से सामूहिक प्रयास करने की अपील की.
उन्होंने कहा, पुलिस ने घटना के आठ घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. वे पड़ोस के जंगलों में भाग गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. इस घटना के संबंध में गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी मुस्लिम भाई नहीं है. मंत्री ने कहा कि घटना की वीडियो क्लिप में किसी को कहते हुए सुना गया है, ओए बस, लेकिन इसे कथित रूप से तोड़मरोड़ कर शोएब बताया गया.
देशमुख ने कहा कि मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है ….. सांप्रदायिक राजनीति की जा रही है. किसी पार्टी या नेता का नाम लिए बगैर राकांपा नेता ने कहा, कुछ लोग सत्ता में लौटने के लिए ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ देख रहे हैं. यह राजनीति करने का नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है.
उन्होंने कहा कि घटना से पहले पालघर में ऐसी अफवाहें उड़ रही थीं कि कुछ लोग रात में बच्चों को उठा रहे हैं. देखमुख ने कहा कि पूरे मामले की विशेष महानिरीक्षक द्वारा जांच की जा रही है और जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया है. यह घटना 16 अप्रैल की रात की है जब दो साधू तथा उनका चालक किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे.
उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी. मृतकों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशीलगिरि महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई. महाराष्ट्र सरकार ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को पालघर के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
इधर पालघर में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किये जाने के मामले की जांच सीबीआई जैसी किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने या इसके लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की मांग को लेकर बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई.
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में यह भी मांग की गई है कि उच्च न्यायालय जांच की निगरानी करे और जांच एजेंसी से समय-समय पर रिपोर्ट मांगे. जनहित याचिका (पीआईएल) में यह भी मांग की गई है कि इस मामले में तेजी लायी जाए और कार चालक के परिवार को वित्तीय मुआवजा प्रदान किया जाए, जो उन तीन व्यक्तियों में शामिल थे, जिनकी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी