कोलकाता/नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया फेसबुक ने कुछ फेसबुक पेज (Facebook Pages) और फेसबुक अकाउंट्स को ब्लॉक (Facebook Accounts Blocked) किया है. इस पर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) बौखला गयी है. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’ Brien) ने फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग (Facebook CEO Mark Zuckerberg) और फेसबुक पर भाजपा के समर्थन का आरोप लगाया है.
तृणमूल कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के समक्ष भाजपा के प्रति कथित झुकाव का मामला उठाते हुए दावा किया है कि इस मामले में सार्वजनिक तौर पर कई सबूत मौजूद हैं. टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जुकरबर्ग को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में डेरेक ने जुकरबर्ग के साथ पूर्व में हुई मुलाकात का जिक्र किया है.
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि उस मुलाकात में उन्होंने, इनमें से कुछ मामलों को उठाया था. पार्टी सूत्रों ने बताया कि डेरेक ओ ब्रायन ने जुकरबर्ग से अक्टूबर, 2015 में मुलाकात की थी. ओ ब्रायन ने कहा, ‘भारत की दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) को भारत के वर्ष 2014 और वर्ष 2019 चुनाव में फेसबुक की भूमिका को लेकर गंभीर चिंताएं हैं.’
उन्होंने लिखा, ‘भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में चुनाव होने में करीब कुछ ही महीने पहले, आपकी कंपनी के हाल ही में बंगाल में फेसबुक पेज और अकाउंट्स को ब्लॉक करना भी फेसबुक और भाजपा के बीच संबंध की ओर इशारा करता है. फेसबुक के वरिष्ठ प्रबंधन के आंतरिक ज्ञापन सहित सार्वजनिक तौर पर कई ऐसे सबूत मौजूद हैं, जो पक्षपात साबित करने को काफी हैं.’
डेरेक ओ ब्रायन ने सोशल मीडिया कंपनी के प्रमुख से कहा है कि 28 अगस्त, 2020 को तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के कार्यक्रम से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों समर्थकों के फेसबुक और व्हाट्सऐप अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया. तृणमूल के राज्यसभा सदस्य ने बैन किये गये तमाम अकाउंट्स की लिस्ट अपनी चिट्ठी में फेसबुक प्रमुख को भेजी है.
उधर, 1 सितंबर, 2020 को केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को एक चिट्ठी लिखी. इसमें उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा उठाया है. केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उनका सोशल मीडिया साइट सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने और आंतरिक मतभेद उत्पन्न करने का ‘जरिया’ बन गया है.
केंद्रीय मंत्री ने यह कदम तब उठाया, जब तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने घृणा फैलाने वाले पोस्ट का मुद्दा उठाया. अमेरिकी समाचार पत्र द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि कुछ भाजपा नेताओं के घृणा फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ फेसबुक ‘हेट स्पीच’ नियम के तहत कार्रवाई नहीं करता. इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच भी शब्दों की जंग छिड़ गयी.
इससे पहले, कांग्रेस ने फेसबुक को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें सोशल मीडिया कंपनी की भारतीय प्रमुख पर आरोप लगाया था कि वह भारत में चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की भी कांग्रेस ने मांग की. कांग्रेस और माकपा (सीपीएम) ने फेसबुक पर लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की भी मांग की है.
Posted By : Mithilesh Jha
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