सौराष्ट्र पर का क्या है समीकरण
गुजरात के सौराष्ट्र पर नजर डालें तो इस क्षेत्र में विधानसभा की 48 सीटें हैं जहां कांटे की टक्कर देखन को इस बार मिल सकती है. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में यहां पर भाजपा की पकड़ ढीली पड़ने के कारण उसको नुकसान उठाना पड़ा था. 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीटों की संख्या लगभग दोगुनी कर ली थी और गुजरात में अपनी सीट बढ़ा ली थी. इस बार भाजपा के टॉप नेता इस क्षेत्र में कड़ी मशक्कत कर रहे हैं लेकिन, इस बार आम आदमी पार्टी यानी आप नयी चुनौती के तौर पर दिख रही है.
Also Read: गुजरात चुनाव 2022: वीरमगाम सीट से जीत दर्ज करने के लिए हार्दिक पटेल कर रहे हैं ये काम
सौराष्ट्र क्षेत्र में पिछली बार भाजपा को नुकसान
सौराष्ट्र क्षेत्र की बात करें तो यहां 11 जिले हैं. सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गीर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर और बोटाद इस क्षेत्र में आते हैं. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में मोरबी, गीर सोमनाथ और अमरेली में भाजपा का खाता तक नहीं खुला था. इस क्षेत्र में पिछली बार पाटीदार आंदोलन का असर देखने को मिला था जिसका लाभ कांग्रेस को मिला था.
इस बार हार्दिक पटेल भाजपा के साथ
पाटीदार आंदोलन का चेहरा हार्दिक पटेल इस बार भाजपा के साथ हैं. पिछले चुनाव में हार्दिक पटेल कांग्रेस के साथ थे और पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे. हार्दिक पटेल के साथ-साथ अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी भी कांग्रेस के साथ थे. अल्पेश ठाकोर ने तो बाद में भाजपा का दामन थाम लिया लेकिन मेवानी अभी भी कांग्रेस के साथ ही हैं.