दरअसल मनोहर लाल खट्टर ने 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में पीएम के काफिले को रोकने को चन्नी सरकार की योजना करार दी है. उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम के कहने पर किसान नेताओं से रास्ता अवरुद्ध करवाया गया था. हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान के मुताबिक सीआईडी ने पहले ही चेताया था कि मौसम खराब होने की वजह से वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था करनी पड़ सकती है, लेकिन इस ओर ध्यान देने के बजाय सरकार ने काफिले को रोकने की पूरी योजना के तहत काम किया था.
खट्टर ने कहा कि प्रबंध करना तो दूर, पंजाब सरकार ने किसान नेताओं को निर्देश देकर पीएम का रास्ता रूकवाया..ऐसा कर उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के जान को खतरे में डाली थी. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए रिटायर्ड जजों की अगुवाई में एक जांच कमेटी का गठन किया है. जो इस मामले के हर पहलू की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी.
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आपको बता दें कि पीएम मोदी के पंजाब दौरे के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों की तरफ से रास्ता रोकने के कारण मोदी का काफिला 15-20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर फंसा रहा था. इस घटना को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में ”गंभीर” चूक करार दिया था. इस मामले को लेकर देश के कांग्रेस और बीजेपी नेता आमने सामने हैं. कांग्रेस लगातार इसे बस एक चूक बता रही है, जबकि बीजेपी इसे सोची समझी साजिश बता रही है.